Saat Vachan (Seven Vows in Hindu Marriage) in Hindi / हिन्दू विवाह में सात वचन (हिन्दी में)
( For English Translation CLICK HERE)
हिन्दू संस्कृति में विवाह संस्कार, सौलह संस्कारों में से एक है। विवाह के दौरान कई क्रियायें (रस्म ) होती हैं। सभी का अपना -अपना महत्व है। सात वचन भी विवाह की महत्वपूर्ण रस्म है।
समस्त पूजन , मधुपर्क , लाजाहोम तथा सप्तपदी हो जाने पर भी जब तक कन्या वर के बाँए अंग में ( बाँयी तरफ) आ कर नहीं बैठती है , तब तक वह कुमारी ही कहलाती है।
लेकिन जब तक वर कन्या के सात वचन स्वीकार नहीं करता तब तक कन्या वर के वांम अंग नहीं आती है,अत: वर कन्या से आग्रह करता है, "हे प्रिये , स्त्रियों की स्थिति पुरुष के वांम भाग में मानी जाती है। तुम्हारे भाई , मामा , माता - पिता की सहमति से मेरे साथ तुम्हारा विवाह हुआ है। तुम उठो और मेरे बांये अंग में(बाँयी तरफ) बैठो और यदि मन में कोई विचार हो तो मुझे कहो।"
तब कन्या वामांग आने के लिए सात वचन मांगती है -