Ganga Sagar Fair
When is Ganga Sagar Fair held /गंगा सागर मेला कब आयोजित किया जाता है ?
जिस दिन सूर्य धनु राशि को छोड़ कर मकर राशि में प्रवेश करते हैं, उस दिन को मकर संक्रांति कहा जाता है। इस मकर संक्रांति के दिन गंगा सागर मेला आयोजित किया जाता है।
Where is Ganga Sagar Fair held /गंगा सागर मेला कहाँ आयोजित किया जाता है ?
पश्चिमी बंगाल में कोलकता के निकट हुगली नदी के तट पर, उस स्थान पर आयोजित किया जाता है जहा गंगा नदी बंगाल की खाड़ी में मिलती है।
Importance of Ganga Sagar Fair / गंगा सागर का महत्व -
पुराणों के अनुसार राजा सगर ने अश्व मेघ यज्ञ लिया था। जिसमें छोड़े गए घोड़े की रक्षा का भार उसके साठ हजार पुत्रों को दिया था। इंद्र ने कुटिलता वश उस घोड़े को चुरा लिया और कपिल मुनि के आश्रम पर बांध दिया। राजकुमार उस घोड़े को ढूँढते हुए कपिल मुनि के अाश्रम में पँहुचे और घोड़े को वहाँ पाकर कपिल मुनि पर घोडा चुराने का आरोप लगाते हुए अपनी नाराजगी प्रकट की। उन की इस उदण्डता से क्रोधित होकर कपिल मुनि सभी साठ हजार राजकुमारों को अपनी क्रोधाग्नि से जल कर भस्म कर दिया। इस पर सगर पुत्र अंशुमन ने कपिल मुनि से क्षमायाचना करते हुए राजकुमारों की मुक्ति का उपाय पूछा। मुनि ने उपाय बताया कि यदि गंगा नदी को स्वर्ग से पृथ्वी पर लाया जाये तो उसकी जल धारा के स्पर्श से ये मुक्त हो सकते हैं। अंशुमन ने गंगा को लाने के लिए तप किया परतुं वे सफल नहीं हो सके।
भगीरथ ने गहन तपस्या की जिसके परिणाम स्वरूप गंगा पृथ्वी पर अवतरित हुई। फिर कपिल मुनि के आश्रम पर आई और उसकी धारा ने राजकुमारों की राख का स्पर्श किया जिससे वे मोक्ष को प्राप्त हुए वह दिन मकर संक्रांति का दिन था। अतः उसी दिन से वहाँ प्रतिवर्ष मेला आयोजित किया जाता है। ऐसा माना जाता है कि इस दिन वहाँ किया गए स्नान और दिए गए दान का बहुत अधिक प्रतिफल प्राप्त होता हैं। गंगा सागर की यात्रा सैंकड़ों तीर्थ यात्राओं के समान मानी जाती है। इस लिए प्रतिवर्ष इस दिन बड़ी संख्यां में लोग यहाँ आते हैं और स्नान, पूजा-अर्चना करते हैं।