Sunday 20 September 2015

(2.1.5) Surya Namaskar /Sun salutation (in Hindi)

 Surya Namskar ( Sun Salutation ) सूर्य नमस्कार के मंत्र तथा विधि 

(For English translation click here)
सूर्य पूजा व सूर्य वन्दना नित्य कर्म के भाग माने जातें हैं। भविष्य पुराण के अनुसार सूर्य पूजा का फल एक लाख गायों के दान के फल से भी अधिक होता है। सूर्य पूजा की तरह सूर्य के बारह नमस्कारों का भी महत्त्व है। 
सूर्य के बारह नमस्कारों की विधि  - 
सर्व प्रथम सूर्य मण्डल में सौन्दर्य राशि भगवान् नारायण का ध्यान करना चाहिये। और भावना करें कि दोनों हाथ भगवान के सुकोमल चरणों का स्पर्श कर रहे हैं और ललाट को भी उस सुख स्पर्श का अनुभव हो रहा है तथा आँखें उनके सौन्दर्य-पान में लीन हैं। 
इसके बाद भगवान् सूर्य के नीचे दिए गये एक नाम का उच्चारण कर दण्डवत करे।  फिर उठ कर दूसरा नाम बोलकर दूसरा दण्डवत करे। इस तरह बारह साष्टांग प्रणाम हो जाते हैं। दण्डवत प्रणाम करते समय शीघ्रता नहीं करें। 
भगवान् सूर्य को साष्टांग प्रणाम करने के लिए बारह नाम मंत्र निम्नांकित हैं -
(१) ॐ मित्राय नमः। 
(२) ॐ रववे नमः।
(३) ॐ सूर्याय नमः।
(४) ॐ भानवे नमः।
(५) ॐ खगाय नमः।
(६) ॐ पूष्णे नमः।
(७) ॐ हिरण्यगर्भाय नमः।
(८) ॐ मरीचये नमः।
(९) ॐ आदित्याय नमः।
(१०) ॐ सवित्रे नमः।
(११) ॐ अर्काय नमः।
(१२) ॐ भास्कराय नमः।