Saturday 6 May 2017

(8.1.27) Buddha Poornima / Peepal Purnima / Buddh Jayanti

Peepal Purnima / Buddha Jayanti /Buddha Poornima पीपल पूर्णिमा / बुद्ध पूर्णिमा / बुद्ध जयंती 

When is Buddha Poornima / When is Peepal Purnima पीपल पूर्णिमा कब है / बुद्ध  पूर्णिमा कब है 
वैसाख शुक्ल पूर्णिमा को पीपल पूर्णिमा या बुद्ध पूर्णिमा या बुद्ध जयंती कहा जाता है। 
Important things about Buddha Purnima /बुद्ध पूर्णिमा के बारे में मुख्य बातें :- 
(१) बुद्ध पूर्णिमा या बुद्ध जयंती को प्रति वर्ष  वैसाख शुक्ल पूर्णिमा को मनाया जाता है।
(२) इसी दिन भगवान बुद्ध का जन्म हुआ था।  इसी तिथि को बोध  गया में भगवान बुद्ध को दिव्य ज्ञान की प्राप्ति हुई थी। यही तिथि उनका निर्वाण दिवस भी है। इसलिये बुद्ध धर्म के अनुयायी इस दिन को बहुत पवित्र मानते हैं। वे विहारों में पूजा करते हैं और भिक्षुओं को दान देते हैं।   
(३ ) हिन्दू वैसाखी पूर्णिमा को पवित्र तिथि के रूप में मानते हैं।लोग इस दिन व्रत रखते हैं। यदि इस दिन एक समय भोजन करके सत्यनारायण का व्रत करे तो सब प्रकार के सुख ,सम्पदा और श्रेय की प्राप्ति होती है। 
(४ ) इस दिन किये गये दान का विशेष महत्त्व है।
(५ ) बुद्ध पूर्णिमा को पीपल पूर्णिमा के नाम से भी जाना जाता है। उत्तर भारत के कुछ भागों में और विशेष रूप से  राजस्थान में इसे विवाह का अबूझ मुहूर्त माना जाता है। यदि उपयुक्त मुहूर्त नहीं मिले तो इस तिथि को विवाह आयोजित किया जाता है।
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Wednesday 3 May 2017

(8.1.26) Ganga Dashami / Ganga Dashahara

Ganga Dashami / Ganga Dashehara गंगा दशमी / गंगा दशहरा 

When is Ganga Dashami / When is Ganga Dushehara गंगा दशमी कब है 
ज्येष्ठ शुक्ल एकादशी को गंगा दशमी कहा जाता है।  इसी दिन को गंगा दशहरा भी कहा जाता है।
Important things about Ganga Dashmi गंगा दशमी के बारे में महत्वपूर्ण बातें 
- जेष्ठ शुक्ल दशमी को हस्त नक्षत्र में स्वर्ग से गंगा का अवतरण हुआ था।
- इस दिन गंगा नदी में स्नान करना बहुत फलदायी माना जाता है। यदि गंगा नदी में स्नान करना संभव नहीं हो तो समीप के किसी जलाशय , नदी या घर के शुद्ध जल से स्नान करें।
- अन्न , वस्त्रादि का दान , जप - तप -उपासना और उपवास किया जाये तो दस प्रकार के पाप ( तीन प्रकार के कायिक , चार प्रकार के वाचिक , और तीन प्रकार के मानसिक पाप ) दूर होते हैं।
- गंगा नदी में स्नान करना संभव नहीं हो तो   समीप के किसी नदी या तालाब , जलाशय या घर के शुद्ध पानी से स्नान करें। स्नान करते समय  यह भावना करें कि मानो आप गंगा नदी में ही  स्नान कर रहें हैं। फिर शांत स्थान पर बैठकर निम्नांकित मंत्र से आव्हान आदि षोडशो पचार पूजन करें-
" ॐ नमः शिवायै नारायण्यै दशहरायै गंगायै नमः।"
दान - 
यदि व्यक्ति पूजन के बाद दान करना चाहे तो वस्तुओं की संख्या दस होनी चाहिए जैसे - दस दीपक , दस सेर तिल , दस फल आदि। इनको दान करते समय निम्नांकित मंत्र का जप करते हुए करें -
' गंगायै नमः'। 
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Monday 1 May 2017

(8.1.25) Janaki Navami / Sita Navami

Sita Navami / Janaki Navami / सीता नवमी / जानकी नवमी 

When is Janaki Navami or Sita Navami जानकी नवमी या सीता नवमी कब है 
वैसाख शुक्ल नवमी को सीता  नवमी या जानकी नवमी कहा जाता है।  इस दिन भगवती जानकी का प्रादुर्भाव हुआ था। 
Important things about Seeta Navami or Janaki Navami सीता नवमी या जानकी नवमी के बारे में महत्वपूर्ण बातें 
- जानकी नवमी जिसे सीता नवमी के नाम से भी जाना जाता है, को देवी सीता के जन्म दिवस के रूप में मनाया जाता है।  सीता को जानकी भी कहा जाता है।
- सीता को देवी लक्ष्मी का अवतार माना जाता है। 
- देवी सीता का जीवन महिलाओं के लिए आदर्श और अनुकरणीय माना जाता है। 
- इसलिए विवाहित महिलाएं इस दिन व्रत रखती हैं तथा देवी सीता से आशीर्वाद मांगती हैं। 
- पुरुष और महिलाएं रामायण का पाठ करते हैं। 
- उत्तर भारत के कुछ भागों में और विशेष रूप से राजस्थान में जानकी नवमी को विवाह के अबूझ मुहूर्त के रूप में माना जाता है। अत: विवाह का उपयुक्त मुहूर्त नहीं हो तो वैसाख शुक्ल नवमी को  विवाह संस्कार सम्पन्न किया जाता है।  
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