रां रामाय नमः Raam Raamaay Namah राम मंत्र - प्रसन्नता व सफलता के लिए
भगवान् राम भगवान् विष्णु के अवतार हैं। वे नैतिकता, श्रेष्ठ गुण तथा आदर्श के प्रतीक हैं। भगवान् राम को पुरुषोत्तम कहा जाता है। वे दया के सागर हैं। उनसे सम्बन्धित यह मंत्र अर्थात "रां रामाय नमः " प्रसन्नता का स्रोत है तथा सभी प्रकार की बाधाओं को दूर कर जपकर्ता को उद्देश्य प्राप्ति में सफलता दिलाता है। इस मंत्र की जप प्रक्रिया इस प्रकार है -प्रातःकाल दैनिक कार्य से निवृत्त होकर उत्तर या पूर्व की तरफ मुख करके ऊनी आसन परबैठ जाएँ। भगवान् राम का चित्र अपने सामने रखें। अपनी आँखें बंद करके भगवान् राम का इस प्रकार ध्यान करें -
भगवान् राम जिन्होनें धनुष - बाण किये हुए हैं, बद्ध पद्मासन से विराजमान हैं, पीताम्बर पहने हुए हैं, जिनके प्रसन्न नयन नूतन कमलदल से स्पर्धा करते वाम भाग में विराजमान श्री सीता जी के मुख कमल से मिले हुए हैं, उन आजानुबाहु , मेघश्याम,नाना प्रकार के अलंकारों से विभूषित तथा विशाल जटाजूटधारी श्रीरामचन्द्र जी का ध्यान करे।
इसके बाद इस मंत्र का ग्यारह माला का जप करें। मंत्र इस प्रकार है -
रां रामाय नमः।
मंत्र जप के बाद आँखें बन्द करके भावना करे. कि भगवान् राम आपको प्रसन्नता और सफलता का आशीर्वाद दे रहे हैं।