Ganesh Gyatri Mantra / Benefits of Ganesh Gayatri Mantra / गणेश गायत्री मन्त्र / गणेश गायत्री मन्त्र के लाभ
गणेश गायत्री मन्त्रभगवान् गणेश जी को रिद्धि - सिद्धि का दाता और विघ्न हर्ता के रूप में जाना जाता है। इनकी पूजा - अर्चना करने से सभी प्रकार के विघ्न दूर हो जाते हैं और समस्त मनोकामनाओं की पूर्ति होती है। इसलिए गणेश जी को प्रथम पूज्य माना जाता है। गणेश जी कृपा प्राप्त करने के लिए शास्त्रों में कई उपाय बताये गए हैं। गणेश गायत्री मन्त्र का जप करना भी उन उपायों में से एक है , जिससे गणेश जी प्रसन्न होते हैं और मनोवांछित फल प्रदान करते हैं।
गणेश गायत्री मन्त्र जप करने के लाभ इस प्रकार है -
गणेश गायत्री मन्त्र का निष्ठा व विश्वास के साथ जप करने से जप कर्ता को गणेश जी की विशेष कृपा प्राप्त होती है।
भाग्योदय होता है।
प्रत्येक कार्य में अनुकूल व अपेक्षित सफलता मिलती है।
विवेक शक्ति और तार्किक योग्यता का विकास होता है।
बाधाएं और कठिनाइयाँ दूर होती हैं।
मनोकामना पूर्ण होती हैं।
बुद्धि तीव्र होती है , विवेक जागृत होता है और सद्ज्ञान प्राप्त होता है।
गणेश गायत्री मन्त्र के जप करने की विधि -
प्रातः काल स्नान आदि से निवृत्त होकर ऊन के आसन पर पूर्व या उत्तर की तरफ मुँह करके बैठ जाएँ , गणेश जी का चित्र अपने सामने रख लें और मन ही मन गणेशजी का ध्यान करें। प्रतिदिन सात , पाँच या तीन माला का जप करें। जप समाप्ति के बाद भावना करें कि भगवान् गणेश जी ने आप की प्रार्थना को स्वीकार कर लिया है तथा आप की कार्य सिद्धि में आप को सही मार्गदर्शन कर रहे हैं और आपकी मनोकामना पूर्ण कर रहे हैं।
गणेश गायत्री मन्त्र इस प्रकार है -
ॐ एकदन्ताय विद्महे वक्रतुण्डाय धीमहि
तन्नो दन्ती प्रचोदयात् ।