Ashta Lakshmi Mantra for Material and Spiritual Prosperity / Benefits of Ashtalakshmi Mantra / अष्ट लक्ष्मी मन्त्र के लाभ
अष्ट लक्ष्मी मन्त्र के लाभ
क्या हैं
देवी लक्ष्मी को विभिन्न स्वरूपों में पूजा जाता है।
मुख्य रूप से इनके आठ स्वरुप मने गए हैं। इन आठ स्वरूपों के
समूह को अष्ट लक्ष्मी कहा जाता है। ये आठ स्वरुप इस
प्रकार हैं -
आदि लक्ष्मी, धन लक्ष्मी, धान्य लक्ष्मी, गज लक्ष्मी, संतान लक्ष्मी, धैर्य लक्ष्मी, विजय लक्ष्मी और विद्या लक्ष्मी।
इन आठ स्वरूपों के मन्त्र का श्रद्धा और विश्वास के साथ जप करें तो, जपकर्ता के जीवन में भौतिक और
आध्यात्मिक सम्पन्नता और सुखों की कोई कमी नहीं रहती है।
मन्त्र जप की विधि इस प्रकार है –
इन मन्त्रों के जप के लिए
लक्ष्मी के आठ स्वरुप वाला चित्र तथा श्री यन्त्र अपने सामने रखले. उत्तर या पूर्व
की तरफ मुँह करके ऊन के आसन पर बैठ जायें. कुछ समय तक देवी लक्ष्मी के चित्र की
तरफ देख कर उनके विभिन्न स्वरूपों का ध्यान करें. ध्यान के बाद इन आठ मन्त्रों का
कम से कम एक माला का जप करें. मन्त्र इस प्रकार है –
ॐ आद्यलक्ष्म्यै नमः
ॐ धनलक्ष्म्यै नमः
ॐ धान्यलक्ष्म्यै नमः
ॐ गजलक्ष्म्यै नमः
ॐ संतानलक्ष्म्यै नमः
ॐ धैर्यलक्ष्म्यै नमः
ॐ विजयलक्ष्म्यै नमः
ॐ विद्यालक्ष्म्यै नमः
मन्त्र जप के बाद मन ही मन भावना करें कि देवी लक्ष्मी की कृपा से आपको सभी प्रकार की भौतिक और आध्यात्मिक सम्पदा प्राप्त हो रही है.