लिंग, शिवलिंग और ज्योतिर्लिंग में क्या अंतर है Ling, Shivaling and Jyotirling me Antar
लिंग, शिवलिंग और ज्योतिर्लिंग
‘लिंग’
शब्द संस्कृत भाषा का शब्द है, जिसका शाब्दिक अर्थ होता है – चिन्ह या प्रतीक.
अर्थात् लिंग पहचान कराने वाला चिन्ह है. उदाहरण के लिए, जैसे ‘मूँछ’ पुरुष का
लिंग है यानि ‘मूँछ’ पुरुष की पहचान कराने वाला प्रतीक है, जो यह प्रकट करता है कि
मूछ वाला पुरुष होता है, नारी नहीं. इसी प्रकार भगवान् शिव का परिचायक चिन्ह है-
‘लिंग’.
शिवलिंग
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शिवलिंग
भगवान् शिव का प्रतिमाविहीन परिचायक चिन्ह है. यह सामान्यतया पत्थर, धातु या
मिट्टी से बना होता है. यह स्तम्भाकार या अण्डाकार या बेलनाकार होता है. यह भगवान्
शिव की निराकार सर्वव्यापी वास्तविकता को दर्शाता है. शिवलिंग स्वयंभू या मानव
द्वारा निर्मित व स्थापित होता है.
ज्योतिर्लिंग
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ज्योतिर्लिंग
दो शब्दों से मिलकर बना है - ‘ज्योति’ और ‘लिंग’. ‘ज्योति’ का अर्थ होता है
‘प्रकाश’ और ‘लिंग’ भगवान् शिव के स्वरुप को प्रकट करता है. इस प्रकार भगवान् शिव
का प्रकाशवान दिव्य स्वरुप ही ज्योतिर्लिंग है. यह स्वयम्भू होता है यानि मानव
निर्मित नहीं होता है.