प्रदोष काल क्या होता है? प्रदोष बेला किसे कहते हैं?
प्रदोषकाल का महत्त्व Pradosh Kaal Kya Hota Hai
प्रदोष काल क्या होता है?
एक रात और एक दिन को अहोरात्र कहा जाता है। यानि एक सूर्योदय
से दूसरे सूर्योदय तक का समय अहोरात्र कहलाता है। अहोरात्र में कुल 60 घटी होती हैं। प्रत्येक दो घटी का
एक मुहूर्त कहलाता है। इस प्रकार 15 मुहूर्त दिन में तथा 15 मुहूर्त रात्रि में होते हैं।
यानि सूर्य के उदय होने से सूर्य के अस्त होने तक 15 मुहूर्त तथा सूर्य के अस्त होने
से सूर्य के उदय होने तक 15 मुहूर्त
होते हैं।
सदैव सूर्य के अस्त होने से तीन मुहूर्त यानि 6 घटी के समय को प्रदोष काल कहा
जाता है। यह प्रदोषकाल लगभग 2 घंटे और 24 मिनट का होता है।
प्रदोषकाल का महत्व -
प्रदोष काल भगवान शिव की पूजा के लिए विशेष फलदाई माना गया है।
जो लोग प्रदोष काल में अनन्य भक्ति से भगवान शिव की वंदना- पूजा करते हैं उन्हें
इस लोक में धन-धान्य, पुत्र, सौभाग्य और संपत्ति सब कुछ
प्राप्त होता है।