रोहिणी तपन काल / रोहिणी का गलन क्या होता है / नौतपा क्या होता है Nautapa / Rohini Tapan Kaal Kya Hota Hai
रोहिणी तपन काल
रोहिणी तपन काल / रोहिणी का गलन क्या होता है / नौतपा क्या होता है Nautapa / Rohini Tapan Kaal Kya Hota Hai
सूर्य बारह राशियों में भ्रमण करता है और प्रत्येक राशि में लगभग एक महीने तक रहता है और एक महिने के बाद दूसरी राशि में गमन करता है. उसी प्रकार सूर्य एक नक्षत्र में लगभग तेरह दिन तक रहता है और फिर दूसरे नक्षत्र में चला जाता है.
जब सूर्य कृतिका
नक्षत्र को छोड़ कर रोहिणी नक्षत्र में चला जाता है उस समय से ही रोहिणी तपन काल
प्रारम्भ हो जाता है. यह रोहिणी तपनकाल सूर्य के रोहिणी नक्षत्र को छोड़ कर मृगशिरा
नक्षत्र में प्रवेश करने के साथ ही समाप्त हो जाता है. इस प्रकार रोहिणी नक्षत्र
में सूर्य के रहने की लगभग तेरह दिन की अवधि रोहिणी तपन काल कहलाती है.
इस तेरह दिन की अवधि
में से शुरू के नौ दिन तक सूर्य की गर्मी बहुत तेज पड़ती है क्योंकि इस इस दौरान
सूर्या की किरणें सीधी धरती पर पड़ती हैं जिससे प्रचंड गर्मी का अनुभव होता है. इसलिए
इन नौ दिनों को नौतपा कहा जाता है.
यदि नौतपा के सभी नौ दिन पूरे तपें यानि इस अवधि में पूरी गर्मी पड़े तो यह अच्छी वर्षा का संकेत होता है. इस अवधि में वर्षा हो जाये तो इसे रोहिणी का गलना कहा जाता है. रोहिणी के गलन को कम वर्षा का संकेत माना जाता है.