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Monday, 18 August 2025

(6..6.6) वह भला सुखी कैसे हो सकता है? Aisa Vyakti Kaise Sukhi Kaise Ho sakta Hai

वह भला सुखी कैसे हो सकता है? 

कृष्ण की शिक्षा 

कृष्ण कहते हैं, हे पार्थ जब काम की पूर्ति नहीं होती है, तो क्रोध उत्पन्न होता है। जब क्रोध उत्पन्न होता है, तो विषय के प्रति मोह और बढ़ जाता है। और जब मोह और बढ़ जाता है पार्थ, तो सोचने की शक्ति भटक जाती है। जब सोचने की शक्ति भटक जाती है, तो बुद्धि का नाश हो जाता है। और जब बुद्धि का नाश होता है, तो मनुष्य का सर्वनाश हो जाता है। और हे कुंती पुत्र, तुम्हारा यह मोह तुम्हें बुद्धि के विनाश की ओर ले जा रहा है। तनिक सोचो पार्थ कि जिसके पास बुद्धि ही नहीं होगी, उसे शांति कैसे मिल सकती है? वह तो शांति और अशांति में अंतर ही नहीं कर सकता। और जो शांति को अशांति से अलग तक नहीं कर सकता, वह भला कैसे सुखी हो सकता है।