क्या गृह प्रवेश करने के बाद पहला
त्यौंहार होली नहीं आना चाहिए Griha Pravesh Ke Baad Holi Nahin Aani Chahiye
कभी कभी कुछ मुहुरतों के बारे में कोई
भ्रान्ति हो जाती है या भ्रान्ति फ़ैल जाती है. जबकि मुहूर्त शास्त्र के सिद्धांतों
के अनुसार प्रत्येक मुहूर्त निश्चित मानदंडों के अनुसार तय किये जाते हैं. ऐसी ही
भ्रान्ति गृह प्रवेश के मुहूर्त के बारे में भी है.
कई व्यक्तियों को मन में यह भ्रान्ति
है कि गृह प्रवेश यानि नए घर में प्रवेश करने के बाद दीपवाली का त्यौहार ही आना
चाहिए और होली का त्यौहार नहीं आना चाहिए.
इस बात को परखने के लिए हम गृह प्रवेश
के मुहूर्त के बारे में जानेंगे. अन्य मुहूर्तों की तरह ही गृह प्रवेश के मुहूर्त
के लिए भी उपयुक्त महिना, तिथि, वार आदि का ध्यान रखा जाता है. मुहूर्त शास्त्र की
पुस्तकें जैसे – मुहूर्त चिन्तामणि, मुहूर्त पारिजात, मुहूर्त गणपति, मुहूर्त
प्रकाश आदि पुस्तकों में गृह प्रवेश के लिए वैसाख, ज्येष्ठ, माघ और फाल्गुन
चंद्रमास को श्रेष्ठ माह माने गए हैं और श्रावण, कार्तिक और मार्गशीर्ष माह को
मध्यम माह माने गए हैं तथा यह कहीं भी नहीं लिखा है कि गृह प्रवेश के बाद होली का
त्यौहार नहीं आना चाहिए.
माघ, फाल्गुन, मार्गशीर्ष और कार्तिक
शुक्ल पक्ष के बाद तो होली ही आती है और वैसाख, ज्येष्ठ, श्रावण तथा कार्तिक के बाद दीपावली आती है. यहाँ यह भी
जानना आवश्यक है कि पूरे वर्ष में गृह प्रवेश के लिए शुभ और शुद्ध मुहूर्त केवल छः
या सात ही होते हैं.
अतः होली हो या दिवाली, त्यौहार का गृह
प्रवेश से कोई सम्बन्ध नहीं है. मुहूर्त शास्त्र की पुस्तकों में कहीं भी नहीं
लिखा कि गृह प्रवेश के बाद पहला त्यौहार होली नहीं आना चाहिए, यह धारणा कुछ लोगों
के द्वारा फैलाई गयी भ्रान्ति या अफवाह के अतिरिक्त और कुछ नहीं है.
इसलिए गृह प्रवेश करते समय बिना किसी
आशंका या भय या संदेह के बताये हुए महीनों में अपना चंद्रबल देख कर गृह प्रवेश कर
लेना चाहिए.