महाशिवरात्रि और मासिक शिवरात्रि में अंतर Difference between Mahashivaratri and Masik Shivaratri
महाशिवरात्रि और मासिक शिवरात्रि में अंतर
महाशिवरात्रि
शिवरात्रि
का अर्थ है – वह रात्रि जिसका शिवतत्व से घनिष्ठ सम्बन्ध है. भगवान् शिव की प्रिय
रात्रि को शिवरात्रि कहा जाता है. ईशान संहिता के अनुसार फाल्गुन कृष्ण चतुर्दशी
को निशीथ अर्थात अर्द्धरात्रि में ज्योतिर्लिंग का प्रादुर्भाव हुआ था यानि भगवान्
शंकर ज्योतिर्लिंग के रूप में प्रकट हुए थे. मान्यता है कि इस दिन भगवान् विष्णु
और ब्रह्मा जी द्वारा शिवलिंग की पूजा की गयी थी. इसलिए इस तिथि को महाशिवरात्रि
के रूप में मनाया जाता है. इस प्रकार फाल्गुन कृष्ण चतुर्दशी को मनाई जाने वाली
शिव रात्रि को महाशिवरात्रि कहा जाता है.
महाशिवरात्रि
हिन्दुओं का एक प्रमुख पर्व है. इस पर्व को पूरे देश में श्रद्धा और विश्वास के
साथ मनाया जाता है. इस दिन भगवान् शिव की कृपा और आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए
शिवभक्त उनका अभिषेक करते हैं और उनके प्रिय पुष्प - पत्र आदि उन्हें अर्पित करते
हैं, व्रत रखते हैं और रात्रि में चार प्रहर की पूजा भी करते है.
मासिक शिवरात्रि
प्रतिपदा
आदि सभी तिथियों का कोई न कोई देवता स्वामी होता है. चतुर्दशी तिथि के स्वामी
भगवान् शिव हैं. जिस प्रकार प्रतिवर्ष फाल्गुन कृष्ण चतुर्दशी को महाशिवरात्रि का
पर्व मनाया जाता है उसी प्रकार प्रत्येक माह की कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी को मासिक
शिवरात्रि के रूप में मनाया जाता है. इस तरह प्रतिमाह कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी को
मनाई जाने वाली शिवरात्रि को मासिक शिवरात्रि कहा जाता है.
इस दिन
शिव भक्त व्रत रखते हैं और भगवान् शिव की पूजा अर्चना और अभिषेक करते हैं. मासिक
शिवरात्रि के दिन भगवान् शिव की परिवार सहित पूजा करने से अतिशुभ फल प्राप्त होते
हैं. मासिक शिवरात्रि का व्रत रखने से भगवान् शिव की कृपा प्राप्त होती है और काम,
क्रोध, लोभ, मोह आदि से मुक्ति मिलती है.