कार्तिक मास का धार्मिक महत्व Kartik Maas Ka Dharmik Mahatva
कार्तिक मास बहुत पवित्र माह या महिना माना जाता है। भारत के
सभी तीर्थों के समान पुण्य फलों की प्राप्ति इस एक माह में ही मिल जाती है। इस
माह में की गई पूजा तथा व्रत से ही तीर्थ यात्रा के बराबर शुभ फल की प्राप्ति हो
जाती है। इस माह के महत्व के बारे में प्राचीन ग्रंथों में बहुत कुछ कहा गया है।
एक श्लोक इस प्रकार है -
न कार्तिक समो मास, न कृतेन समम् युगं ।
न वेद सदृश्यम शास्त्रम, न तीर्थ गंगा समम् ।
अर्थात -
कार्तिक के समान कोई माह नहीं है, सतयुग के समान कोई युग नहीं है, वेद के समान कोई शास्त्र नहीं है
और गंगा के समान कोई अन्य तीर्थ नहीं है।
इस प्रकार कार्तिक मास का हिंदू
धर्म में विशेष धार्मिक महत्व बताया गया है। यह मास भगवान विष्णु और लक्ष्मी का
अत्यंत ही प्रिय महिना होता है। इस महिने भगवान विष्णु योग निद्रा से जागते हैं
तथा सृष्टि में आनंद और कृपा की वर्षा होती है। माता लक्ष्मी भी इसी माह धरती पर
भ्रमण करने के लिए उतरती हैं और भक्तों को अपार धन का आशीर्वाद देती हैं।
कार्तिक माह को शास्त्र में ‘पुण्य माह’ कहा गया है। इस माह में जितने भी
पुण्य कार्य किए जाते हैं उन का विशेष महत्व बताया गया है . इस माह में प्रातःकाल
तारों की छांव में स्नान का भी बहुत अधिक महत्व है. ‘पद्मपुराण’ तथा ‘विष्णु रहस्य' में कार्तिक स्नान के बारे में
बहुत कुछ बताया गया है.
सामान्य दिनों में 1000 बार तथा प्रयाग में कुंभ के दौरान
गंगा स्नान करने से जो फल प्राप्त होता है और वही फल कार्तिक माह में सूर्योदय से पूर्व किसी भी नदी में स्नान करने से प्राप्त
हो जाता है. शास्त्रों के अनुसार कार्तिक माह में स्नान की शुरुआत शरद पूर्णिमा
से हो जाती है और इस का समापन कार्तिक पूर्णिमा को होता है. इस माह भगवान विष्णु जल के अंदर
निवास करते हैं इसलिए इस महीने में किसी भी नदी तथा तालाब में स्नान करने से भगवान
विष्णु की पूजा और साक्षात्कार का पुण्य लाभ प्राप्त होता है.
शास्त्रों में कार्तिक मास को बहुत पवित्र माना गया है तथा इसे ‘मोक्ष का द्वार’ कहकर संबोधित किया गया है.
कार्तिक मास की प्रत्येक तिथि में कोई न कोई पर्व या उत्सव मनाया जाता है. दीपों का पर्व दीपावली भी इसी माह का उत्सव है. यह मास हमारे जीवन
के अंधकार को दूर करके हमें प्रकाश की ओर ले जाने की प्रेरणा देता है.
कार्तिक मास आरोग्य प्रदान करने वाला, रोग विनाशक, सद्बुद्धि प्रदान करने वाला तथा
महालक्ष्मी की साधना के लिए सर्वोत्तम माह है.