महामृत्युंजय मंत्र Mahamrityunjay Mantra Benefits of Mahamrityunjay Mantra
महामृत्यंजय मंत्र एक महामंत्र है. इस मंत्र का जप जीवन की अवधि को
दीर्घ बनाता है,बीमारी
का उन्मूलन करता है और मृत्यु भय को मिटाता है।जिस घर में महामृत्युंजय मंत्र का
जप किया जाता है ,उस घर के
सदस्यों को बीमारी , व आकस्मिक या असामयिक मृत्यु का भय नहीं रहता है।यह मंत्र
स्वास्थ्य और प्रसन्नता प्रदान करने वाला है। इस मंत्र के जप से नकारात्मक भावना
दूर होती है. यह व्यक्ति को उसकी कठिनाईयों और बाधाओं पर विजय पाने में सहायता
करता है। इसके प्रभाव से ग्रह दोष दूर हो जाता है.
मंत्र जप प्रक्रिया इस प्रकार है :-
दैनिक कार्य से निवृत होकर किसी शांत स्थान पर पूर्व या उत्तर की तरफ
मुँह करके ऊनी आसन पर बैठ जाएँ।भगवान् शिव का चित्र अपने सामने रखें।घी का दीपक
तथा अगरबत्ती जलाएं। अपनी
आखें बंद करके अपना ध्यान भगवान् शिव पर केन्द्रित करें।तथा भावना करें कि भगवान्
शिव इस संसार का स्रोत हैं और सम्पूर्ण प्राणियों के स्वामी हैं।वे बहुत
दयालु हैं जो अपनी कृपा से उनके भक्तों का उद्धार करते हैं। मैं ऐसे भगवान्
शिव से प्रार्थना करता हूँ
कि वे मुझे स्वस्थ रहने का आशीर्वाद प्रदान करें।इस तरह की प्रार्थना के बाद इस
मंत्र का 108 बार अर्थात
एक माला का जप करें . मंत्र इस प्रकार है :-
ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्
|
उर्वारुकमिव बन्धनान्मृत्योर्मुक्षीय माSमृतात् |
मंत्र जप समाप्त हो जाये तो उस स्थान को तुरंत नहीं छोड़ें।मंत्र जप
के बाद थोड़े समय के लिए शांत बैठ जाये। अपनी आखें बंद कर लें और भगवान् शिव के
असीम स्नेह का मनन करें।मन में भावना करें कि भगवान् शिव ने आपकी प्रार्थना को सुन
लिया है।वे उनका आशीर्वाद आपको प्रदान कर रहे हैं।उनकी कृपा से जिस भी कामना से
आपने मंत्र का जप किया है, वह कामना पूर्ण हो रही है.
इसके बाद हाथ जोड़कर भगवान् शिव के प्रति सम्मान प्रकट करें और पूजा
का स्थान छोड़कर अपने दैनिक कार्य में लग जाएँ।