महाशिवरात्रि /महाशिवरात्रि का महत्व Mahashivaratri and its importance
शिवरात्रि / महाशिवरात्रि
भगवान् शिव को प्रसन्न करने व अपनी मनोकामना पूर्ण करने का महोत्सव
है , महाशिवरात्रि।
इसके ठोस प्रमाण शिव पुराण व स्कन्द पुराण में
देखने को मिलते हैं।स्कंद पुराण का कथन है कि फाल्गुन कृष्ण चतुर्दशी को शिव जी का
पूजन , जागरण व
उपवास करने वाले व्यक्ति का पुनर्जन्म नहीं होता है। उसे मोक्ष की प्राप्ति होती
है। विद्येश्वर संहिता के अनुसार महाशिवरात्रि के दिन जो प्राणी निराहार व
जितेन्द्रिय रह कर उपवास रखता है,
शिव लिंग के दर्शन करता है तथा पूजा करता है, वह जन्म मरण के बंधन से
मुक्त होकर शिवमय हो जाता है। इस दिन भगवान् शिव की पूजा अर्चना करने से साधुओं को
मोक्ष प्राप्ति , रोगियों को रोगों
से मुक्ति तथा सभी साधकों को मनोवांछित फल की प्राप्ति होती है। इस दिन पूजा करने
से गृहस्थ जीवन में चल रहा मत भेद समाप्त हो जाता है, अखंड सौभाग्य की प्राप्ति
होती है और साधक को शुभ फलों की प्राप्ति होती है।