Friday, 2 May 2025

(6.8.24) शिव सहस्त्र नाम स्तोत्र और इसके लाभ Shiv Sahastra Naam Stotra Ke Laabh

शिव सहस्त्र नाम स्तोत्र और इसके लाभ Shiv Sahastra Naam  Stotra Ke Laabh

शिवशास्त्रनाम स्तोत्र भगवान शिव के 1000 नामों की वह श्रृंखला है, जिसका जप करने मात्र से मानव के समस्त दुख और कष्ट दूर हो जाते हैं और भगवान शिव की अपार कृपा प्राप्त होती है। भगवान शिव का यह दिव्य सहस्त्रनाम स्तोत्र शिव महापुराण के कोटि रूद्र संहिता के अध्याय 35 में है,  जिसमें 134 श्लोक है।

एक पौराणिक कथा के अनुसार भगवान श्री हरि विष्णु प्रतिदिन भगवान शिव के इन 1000 नामों के द्वारा उनकी स्तुति किया करते थे और कमल के 1000 पुष्पों द्वारा उनका पूजन व प्रार्थना किया करते थे। एक दिन भगवान शिव की लीला से कमल का एक पुष्प कम हो गया, तो  भगवान विष्णु ने अपना कमल रूपी नेत्र ही भगवान शिव पर चढ़ा दिया, जिससे भगवान शिव प्रसन्न हो गए और उनको यानि भगवान विष्णु को सुदर्शन चक्र प्रदान कर दिया। 

भगवान शिव ने इस सहस्रनाम स्तोत्र के महत्व को बताते हुए कहा कि हे हरि, सब प्रकार के अनर्थों  की शांति के लिए तुम्हें मेरे स्वरूप का ध्यान करना चाहिए। अनेका अनेक दुखों का नाश करने के लिए तथा समस्त प्रकार के मनोरथों की सिद्धि के लिए सदा मेरे इन सहस्त्र नामों का पाठ करना चाहिए।

भगवान शिव ने आगे कहा कि दूसरे लोग भी जो प्रतिदिन इस सहस्त्रनाम का पाठ करेंगे या कराएंगे,  उन्हें सपने में भी कोई दुख प्राप्त नहीं होगा।

किसी भी प्रकार का संकट आने पर यदि मनुष्य विधि पूर्वक इस सहस्त्रनाम स्त्रोत का सौ बार पाठ करें, तो वह निश्चित रूप से ही इस संकट से मुक्ति पा जाएगा और कल्याण का भागी होगा।

यह उत्तम स्तोत्र  रोग का नाशक, विद्या और धन को देने वाला है, संपूर्ण अभीष्ट की प्राप्ति कराने वाला, पुण्य जनक तथा सदा ही शिव भक्ति देने वाला है।

जिस उद्देश्य से मनुष्य से  इस श्रेष्ठ स्त्रोत का पाठ करेगा, वह उस उद्देश्य को  निसंदेश प्राप्त कर लेगा।

जो प्रतिदिन सवेरे उठकर मेरी पूजा के पश्चात मेरे सामने इसका पाठ करता है, सिद्धि उससे दूर नहीं रहती है। उसे इस लोक में संपूर्ण अभीष्ट को देने वाली सिद्धि पूर्णतया प्राप्त होती है और अंत में वह सायुज्य मोक्ष का भागी  होता है, इसमें कोई संशय नहीं है।

इस शिव सहस्त्रनाम स्तोत्र के अन्य लाभ इस प्रकार है -

भगवान शिव के इन हजार नामों का जप करने या सुनने से व्यक्ति को शांति, खुशी, सकारात्मक और कृतज्ञता का अनुभव होता है। यह मानसिक एकाग्रता को बढ़ाता है, व्यक्ति को संतुष्ट करता है और यह संतुष्टि और एकाग्रता हमेशा बनी रहती है। इस स्तोत्र में भगवान शिव के प्रत्येक नाम का अनूठा अर्थ है,  जो भगवान शिव के विशेष गुणों को दर्शाता है।

जो व्यक्ति पूर्ण आस्था और भक्ति के साथ शिव सहस्त्रनाम का जप करता है, तो उसे भगवान शिव की विशेष कृपा प्राप्त होती है। इसका जप करने वाले की भगवान शिव स्वयं उसकी रक्षा  करते हैं।

शिवसहस्त्रनाम स्तोत्र का प्रत्येक नाम शांति और खुशी देता है, जो हमेशा के लिए रहती है।

शिव सहस्त्रनाम को सुनने से भी एक विशेष प्रकार का प्रभाव पड़ता है क्योंकि नाम का जप करने से उत्पन्न होने वाली ध्वनि के कारण सकारात्मकता  और दिव्यता आसपास के वातावरण में फैल जाती है, जिससे व्यक्ति को एक विशेष प्रकार के आनंद का अनुभव होता है।

जो व्यक्ति प्रतिदिन इन नामों का जप करता है, वह असाधारण रूप से दृढ़ इच्छाशक्ति  वाला व्यक्ति बन जाता है।

इस हजार नामों वाले स्तोत्र का जप करने से हमारे आसपास महत्वपूर्ण परिवर्तन होते हैं।  इस सहस्त्रनाम के जप से व्यक्ति का मनोवैज्ञानिक संतुलन बना रहता है और मन की शांति मिलती है।

शिव का सहस्त्रनाम स्तोत्र शरीर में जीवन शक्ति बढ़ाता है, सकारात्मक ऊर्जा देता है और मस्तिष्क की रचनात्मकता को बढ़ाता है, जिससे खुशी बढ़ती है और जीवन में शांति मिलती है।

यदि किसी मनुष्य के मन में भय,अस्थिरता, अनावश्यक चिंता बनी  रहती हो और बार बार कार्य में रुकावट आ रही हो, तो उसे चाहिए कि वह शिव सहस्त्र नाम स्तोत्र का पाठ करे।

इस स्तोत्र का पाठ मन को शांति प्रदान करता है। पाठ कर्ता को यश, ऐश्वर्य, संपन्नता, सफलता, आरोग्य एवं सौभाग्य प्रदान करता है तथा मनोकामनाओं की पूर्ति में सहायक होता है।