विघ्न या बाधा दूर करने हेतु रामचरितमानस की चौपाई Vighna – Badha Door Karne Hetu Manas Mantra
विघ्न या बाधा दूर करने हेतु रामचरितमानस की चौपाई
तुलसीदासजी
द्वारा रचित रामचरित मानस की चौपाइयाँ और दोहे सिद्ध मन्त्रों की तरह ही काम करते
है. ऐसी ही एक चौपाई है –
सकल
बिघ्न ब्यापहिं नहिं तेही, राम सुकृपाँ बिलोकहिं जेही.
इस चौपाई
का श्रद्धा और विश्वास के साथ नित्य कम से कम 108 बार पाठ करने से भगवान् राम की
कृपा और आशीर्वाद से पाठ करने वाले व्यक्ति के विघ्न, बाधा और कार्य में रुकावट
दूर होकर कार्य की सिद्धि होती है अर्थात कार्य में सफलता प्राप्त होती है.
इस चौपाई
का पाठ करने के लिए घर के किसी शान्त स्थान पर पूर्व की तरफ मुँह करके ऊन के आसन
पर बैठ जाएँ, रामदरबार का चित्र अपने सामने रखें, धूपबत्ती जलाएं, भगवान् राम का
मन ही मन ध्यान और चिंतन करें और फिर इस चौपाई का 108 बार पाठ करें. चौपाई इस
प्रकार है –
सकल
बिघ्न ब्यापहिं नहिं तेही, राम सुकृपाँ बिलोकहिं जेही.
पाठ करने
के बाद मन ही मन भावना करें कि भगवान् राम की कृपा से आपके सभी विघ्न, बाधाएं और
रुकावटें दूर हो जायेंगी और आपको कार्य में सफलता प्राप्त होगी.