शुक्र ग्रह कब अस्त होता है Shukra Kab Ast Hota Hai शुक्र कब उदय होता है/ शुक्र का अस्त व उदय
कोई भी ग्रह कब अस्त होता है
आकाश
मण्डल में कोई भी ग्रह अपनी गति से भ्रमण करता हुआ जब सूर्य से एक निश्चित दूरी के
अंदर आ जाता है, तो सूर्य के तेज से वह ग्रह अपनी आभा या चमक या शक्ति खोने
लगता है जिसके कारण वह ग्रह आकाश में दिखाई देना बंद हो जाता है। ग्रह की इस स्थिति को उस ग्रह का अस्त होना कहा
जाता है। किसी भी ग्रह के अस्त हो जाने की स्थिति में उस ग्रह के बल में कमी आ
जाती है।
शुक्र कब अस्त होता है
जब
शुक्र अपनी गति से भ्रमण करता हुआ सूर्य के निकट आ जाता है और सूर्य से शुक्र की
दूरी 9 डिग्री या इससे कम
हो जाये तो शुक्र ग्रह अस्त हो जाता है। इस स्थिति में शुक्र के निमग्न होने के
कारण दिखाई नहीं देता है। इसी घटना को या
स्थिति को शुक्र का अस्त होना कहा जाता है।
इसी
प्रकार जब शुक्र ग्रह सूर्य से दूर हट जाता है अर्थात शुक्र की सूर्य की दूरी 9 डिग्री से अधिक हो जाये तो शुक्र
दिखाई देने लगता है। इसे ही शुक्र का उदय
होना कहा जाता है।
सूर्य
के अस्त होने से तीन दिन पूर्व तक का समय
शुक्र का वृद्धत्व काल कहलाता है और शुक्र के उदय होने के तीन दिन बाद तक के समय
को शुक्र का बाल्यत्व काल कहा जाता है।
शुक्र
के अस्त कालांश तथा वृद्धत्व काल और
बाल्यत्व काल में कोई भी शुभ और मांगलिक कार्य नहीं किये जाते हैं।