गणेश वन्दना/ नमामि त्वां गणाधिप Namami Twaam Ganaadhip / Ganesh Vandana
गणेश वन्दना/ नमामि त्वां गणाधिप
गणाधिप नमस्तुभ्यं
सर्व विघ्न प्रशान्तिद
उमानन्द प्रद
प्राज्ञ त्राहि मां भव सागरात्
हरानन्दकर
ध्यानज्ञान विज्ञानद प्रभो
विघ्नराज नमस्तुभ्यं
सर्वदैत्यैक सूदन
सर्वप्रीतिपद श्रीद
सर्वयज्ञेक रक्षक
सर्वाभीष्टप्रद
प्रीत्या नमामि त्वां गणाधिप
अर्थ – श्री गणेशजी,
आपको नमस्कार है. आप सम्पूर्ण विघ्नों की शान्ति करने वाले, उमा के लिए आनन्ददायक
तथा परम बुद्धिमान हैं, आप भवसागर से मेरा उद्धार कीजिये. विघ्नराज, आप भगवान्
शंकर को आनन्दित करने वाले, आपका ध्यान करने वालों को ज्ञान और विज्ञान के प्रदाता
तथा सम्पूर्ण दैत्यों के एक मात्र संहारक हैं, आपको नमस्कार है. गणपते, आप सबको
प्रसन्नता और लक्ष्मी देने वाले सम्पूर्ण यज्ञों के एक मात्र रक्षक तथा सब प्रकार
के मनोरथों को पूर्ण करने वाले हैं, मैं प्रेम पूर्वक आपको प्रणाम करता हूँ.