अच्युत, अनन्त और गोविन्द Achyut, Anant Aur Govind (शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य के लिए)
श्री हरि विष्णु
‘अच्युत, अनन्त और गोविन्द’ , इन तीन नामों की महिमा बताते हुए भगवान् धन्वन्तरि जी कहते हैं
अच्युत्यानन्त गोविन्द नामोच्चारण
भेषजात् .
नश्यन्ति सकला रोगाः सत्यं सत्यं वदाम्यहम् .
‘अच्युत, अनन्त और गोविन्द’ इन तीन नामों के उच्चारण रूपी
औषधि से सब रोग नष्ट हो जाते हैं . मैं यह सत्य - सत्य कह रहा हूँ.
इसी सन्दर्भ में इन तीन नामों की महिमा बताते हुए भगवान्
शिव देवी पार्वती से कहते हैं कि समुद्र मन्थन से कालकूट नामक महाभयंकर विष प्रकट
हुआ. वे आगे कहते हैं कि मैंने एकाग्रचित्त होकर
अपने ह्रदय में सर्व - दुःखहारी भगवान् नारायण का ध्यान किया और उनके तीन
नाम रूपी महामंत्र का भक्तिपूर्वक जप करते हुए उस भयंकर विष को पी लिया. उन्होंने
आगे कहा – ‘अच्युत, अनन्त और गोविन्द’ – ये हरि के तीन नाम हैं. जो व्यक्ति
एकाग्रचित्त से इनके शुरू में प्रणव यानि ‘ॐ ‘ और अंत में ‘नमः’ जोड़कर अर्थात् ॐ
अच्युताय नमः, ॐ अनन्ताय नमः, ॐ गोविन्दाय नमः का भक्ति पूर्वक जप करता है, तो उसे
विष, रोग और अग्नि से होने वाली मृत्यु का भय नहीं रहता है .
(हरि के तीन नाम अच्युत,
अनन्त और गोविन्द की महिमा का वर्णन समाप्त )