एक श्लोकी भागवत् / एक श्लोकी श्रीमद्भागवत् / एक श्लोकी भागवत् के लाभ Ek Shloki Bhagwat
एक श्लोकी भागवत् / एक श्लोकी श्रीमद्भागवत्
श्रीमद्भागवत
अठारह पुराणों में से एक है. श्रीमद्भागवत् भक्तिरस और आध्यात्मिक ज्ञान का समन्वय
प्रस्तुत करता है. धर्म शास्त्रों के अनुसार भागवत् का पाठ पुण्यदायक है. लेकिन
इसका पूरा पाठ नहीं किया जा सके तो, इस एक श्लोक मन्त्र को, जिसे एक श्लोकी भागवत्
कहा जाता है, का पाठ करने से सम्पूर्ण भागवत् पढ़ने का फल मिलता है.
यह श्लोक
इस प्रकार है –
आदौ
देवकिदेवगर्भजननं गोपीगृहे वर्धनम्
मायापूतनजीवतापहरणं
गोवर्धनोद्धारणम्
कंसच्छेदन
कौरवादिहननं कुन्तीसुतापालनम्
एतद्
भागवतं पुराणकथितं श्रीकृष्णलीलामृतम्
एक श्लोकी भगवत् का पाठ करने की विधि –
प्रातःकाल
स्नान आदि से निवृत होकर पूर्व या उत्तर की तरफ मुँह करके ऊन के आसन पर बैठ जायें.
भगवान कृष्ण का चित्र अपने सामने रख लें. दीपक और धूप बत्ती जलायें. आखें बंद करके
भगवान् कृष्ण का ध्यान करें. इसके बाद इस एक श्लोकी भागवत का ग्यारह, इक्कीस,
इक्कावन, या एक सौ एक बार पाठ करें या सुने.