Saturday, 15 March 2025

(6.1.14) नारियल का धार्मिक महत्व Religious Importance of Nariyal (Coconut) Shri Phal

नारियल का धार्मिक महत्व Religious  Importance of Nariyal (Coconut) Shri Phal

नारियल का धार्मिक महत्व

हिंदुओं के प्रत्येक धार्मिक उत्सव, पूजा पाठ और शुभ कार्यों के लिए सर्वप्रथम नारियल को याद किया जाता है यानि सभी शुभ व धार्मिक कार्य नारियल के बिना संपन्न नहीं होते हैं। सभी देवी देवताओं को नारियल भेंट करने की परंपरा रही है। लाल रंग के कपड़े में मौली बंधन किया गया नारियल दुकान में, घर में या संस्थान में रखना भी शुभ माना जाता है।

मत्स्य पुराण के अनुसार :

पद्म हस्ते प्रदातव्यं, श्री फलं दक्षिणे करे। अर्थात देवी लक्ष्मी के दाहिने हाथ में श्रीफल और बाएं हाथ में कमल है। इस श्लोक के अनुसार स्पष्ट है की देवी लक्ष्मी को नारियल प्रिय है। इसलिए नारियल को श्रीफल भी कहते हैं। नारियल को सुख, समृद्धि, सम्मान, उन्नति और सौभाग्य का प्रतीक माना जाता है।

नारियल भगवान गणेश जी का प्रतीक भी है। साथ ही यह भी माना जाता है कि नारियल में त्रिदेव यानी ब्रह्मा विष्णु और महेश का वास होता है। पूजा पाठ करते समय नारियल को कलश  के ऊपर रखा जाता है।  इसका मुख्य उद्देश्य देवताओं का आह्वान करना है, ताकि संबंधित पूजा पाठ या अनुष्ठान निर्विघ्न संपन्न हो सके। नारियल को कलश  के ऊपर रखते समय इस बात का ध्यान रखा जाता है कि इसका मुख पूजा करने वाले व्यक्ति की तरफ रहे। नारियल का मुख उस तरफ होता है, जहां से वह वृक्ष की टहनी से जुड़ा होता है।