नींद नहीं आने के चार कारण (विदुर नीति ) Neend Nahi Aane Ke Chaar Kaaran (Vidur Niti )
महाभारत में एक
प्रसंग आता है कि एक दिन महाराज धृतराष्ट्र बहुत उदास और व्याकुल थे। उन्हें नींद
नहीं आ रही थी। इसलिए उन्होंने महामंत्री विदुर जी को बुलवाया। विदुरजी के आने पर
धृतराष्ट्र ने उनसे कहा कि आज मेरा मन बहुत व्याकुल है। मैं चिंता में जलता हुआ
अभी तक जाग रहा हूँ। मेरा मन पूर्ण रूप से अशांत है। मेरी सभी इंद्रियां विकल हो
रही है अतः मेरे लिए जो कल्याणकारी हो, वह कहो। इस पर महात्मा विदुर ने कहा कि राजन इन चार कारणों
से किसी व्यक्ति की नींद उड़ जाती है, उसे नींद नहीं आती है और वह बेचैन तथा अशांत रहता है।
विदुर जी आगे कहा
हे नरेन्द्र ! कहीं आपका भी इन महान दोषों से तो संपर्क नहीं हो गया है? कहीं पराये धन के लोभ से तो आप कष्ट नहीं
पा रहे हैं?
उन चार कारणों में
से पहला कारण है - किसी बलवान व्यक्ति से
शत्रुता हो जाना -
जब किसी व्यक्ति
का किसी बलवान व्यक्ति से विरोध हो जाए और यह विरोध शत्रुता का रूप ले ले तो, उस व्यक्ति को नींद नहीं आती है। कमजोर
होने के कारण वह बलवान व्यक्ति से सीधा मुकाबला नहीं कर सकता अतः वह इस चिंता में
डूबा रहता है कि बलवान शत्रु से कैसे बचा जाए? क्या प्रयास किया जाए और किसकी सहायता ली
जाए जिससे शत्रु का सामना किया जा सके? वह सोचता रहता है कि बलवान शत्रु उसे कितना नुकसान
पहुंचाएगा या उसके साथ कैसा व्यवहार करेगा।
यह डर उसे सताता रहता है। परिणाम स्वरुप उसका मन अशांत रहता है और उसको
नींद नहीं आती है।
दूसरा कारण है -
व्यक्ति का साधन हीन और दुर्बल होना -
दुर्बल और साधन
हीन व्यक्ति के साथ किसी तरह का अन्याय हो जाए तो भी वह उस अन्यायी व्यक्ति का
सामना नहीं कर पाता है। अतः वह चिंतित रहता है। दुर्बल होने के कारण बलवान और
निर्दयी व्यक्ति उसकी संपत्ति या उसके पास जो कुछ भी है उसे छीन सकता है जिससे उस
दुर्बल व्यक्ति को अपनी संपत्ति के छिन जाने के बारे में सोचकर चिंता रहती है।
परिणाम स्वरुप उसे नींद नहीं आती है।
नींद नहीं आने का
तीसरा कारण है - मन में काम भावना का जागृत होना -
जिस व्यक्ति के मन
में काम भावना जागृत हो गई हो, तो भी उसे भी नींद नहीं आती है अर्थात उसे रात में जागने का
रोग लग जाता है। ऐसा कामी व्यक्ति अपनी काम भावना की पूर्ति के प्रयास में सो नहीं
पाता है। काम भावना उस व्यक्ति को व्याकुल और अशांत बनाए रखती है, परिणाम स्वरुप उसकी नींद उड़ जाती है।
चौथा कारण है -
चोरी करने की आदत होना -
जिस व्यक्ति की
चोरी करने की आदत हो या जो चोरी को ही अपना व्यवसाय बना ले, तो उसे भी रात में नींद नहीं आती है। चोर
हमेशा ही दूसरों से नजर बचाकर चोरी करता है, दूसरों की वस्तुएं चुराता है अतः वह जहां
चोरी करना चाहता है, वहां रहने वाले
सभी लोगों के सो जाने की प्रतीक्षा करता है और इस
प्रतीक्षा में उसे नींद नहीं आती है।