Monday 15 February 2016

(3.1.25) Manas Pooja (in Hindi) Manas pooja kya hai

मानस पूजा / Manas Puja / What is Manas Pooja / Manas Pooja Vidhi 

ईष्ट देव अथवा किसी भी देवता की मन ही मन पूजा करना ही मानस पूजा कहलाती है   इसमें साधक अपने मन में पूजा करने की भावना करता है।  मानस पूजा में वास्तविक रूप में कुछ भी अर्पित नहीं किया जाता है।  केवल उस वस्तु को देवता को अर्पित करने की  भावना पूरी निष्ठा पूर्वक की जाती है।  जैसे ईष्ट देवता को पुष्प अर्पित करने के लिए , वास्तविक रूप से पुष्प अर्पित करने के स्थान पर , पुष्प चढाने या अर्पित करने की भावना मात्र की जाती है।  वस्तुतः भगवान को किसी वस्तु की आवश्यकता नहीं , वे तो साधक के भाव को महत्त्व देते हैं।
मानस पूजा विधि :- 
किसी शांत स्थान पर पूर्व या उत्तर की तरफ मुँह करके बैठ जाएँ। जिस भी देवता की मानस पूजा करनी हो उस देवता का मन ही मन ध्यान करें तथा निम्नांकित उपचारों से मानस पूजा करें -
(१) ॐ लं पृथिव्यात्मकं गन्धं परिकल्पयामि।
( प्रभो, मैं पृथ्वी रुपी गन्ध ( चन्दन) आपको अर्पित करता हूँ।)
(२) ॐ हं आकाशात्मकं पुष्पं  परिकल्पयामि।
( प्रभो, मैं आकाश रुपी पुष्प आपको अर्पित करता हूँ।)
(३) ॐ यं वाय्वात्मक धूपं परिकल्पयामि।
( प्रभो, मैं वायु देव के रूप में धूप  आपको अर्पित करता हूँ।)
(४) ॐ रं वह्नयात्मकं दीपं दर्शयामि।
( प्रभो, मैं अग्नि देव के रूप में दीपक  आपको प्रदान  करता हूँ।)
(५) ॐ वं अमृतात्मकं नैवेद्यं निवेदयामि।
( प्रभो, मैं अमृत के समान नैवेद्य आपको निवेदन करता हूँ।)
(६) ॐ सौं सर्वात्मकं सर्वोपचारं समर्पयामि।
( प्रभो, मैं सर्वात्मा के रूप में संसार के सभी उपचारों को आपके चरणों में समर्पित करता हूँ।)
इन मन्त्रों से भावना पूर्वक मानस पूजा की जा सकती है।
(For English translation Click here.)