Wednesday 9 October 2019

(3.1.36) Ghar Me Pooja Sthal

Ghar me Pooja Sthal , Pooja Ghar Men Moortiyan / घर में पूजा स्थल / पूजा घर में मूर्तियाँ 

घर में पूजा स्थल की आवश्यकता और महत्व -
दैनिक पूजा - पाठ, प्रार्थना आदि के लिए पूजा स्थल विशेष महत्व  रखता है।  अपने ईष्ट देव की पूजा पाठ , प्रार्थना आदि से घर में सकारात्मक व दिव्य ऊर्जा उत्पन्न होती है जो परिवार के प्रत्येक सदस्य को रचनात्मकता से भर देती है, उसके मन में सौहार्द्र तथा समरसता का भाव निर्मित होता है।  पूजा पाठ से शारीरिक व मानसिक व्याधियाँ  शीघ्र दूर होती हैं।  समस्यायों का समाधान मिलने लगता है।
घर में पूजा स्थल कहाँ होना चाहिए -
पूजा या आराधना के लिए कक्ष / स्थल  घर के ईशान कोण (उत्तर- पूर्व )  में होना चाहिए।  घर छोटा हो और  पूजा स्थल बनाने के लिए अलग से स्थान नहीं हो तो उत्तर की तरफ वाले कमरे के ईशान कोण में पूजा स्थल बनाया जा सकता है। पूजा स्थल शयन कक्ष में भी नहीं होना चाहिए , लेकिन स्थान के अभाव  के कारण पूजा का स्थान शयन कक्ष में ही हो तो , उसको ढक  कर रखना चाहिए यानि पर्दा लगा देना चाहिए।
घर के दक्षिणी भाग  में पूजा घर नहीं बनाना चाहिये ।
घर के पूजा स्थल में मूर्तियों की संख्या और उनका नाप या आकार क्या होना चाहिए -
घर  में दो शिवलिंग , दो शंख, दो सूर्य प्रतिमा, दो गोमती चक्र, दो शालिग्राम, तीन गणेश और तीन देवी प्रतिमा का पूजन नहीं करना चाहिये।
घर के पूजा स्थल  में रखी मूर्ति एक बित्ते के बराबर नाप की होनी चाहिये।  इससे बड़ी मूर्ति घर के पूजा स्थल में नहीं रखनी चाहिये।  एक बित्ते  में बारह अँगुल होते हैं अर्थात लगभग नौ इन्च ।  (चित्र / फोटो  के लिए यह बात लागू नहीं होती है। )
अन्य महत्वपूर्ण बातें - 
(1  पूजा करते समय पूजा करने वाले का मुख उत्तर या पूर्व दिशा की ओर होना चाहिये।
(२) पूजा स्थल के आस - पास, ऊपर नीचे सफाई व शुद्धता का पूरा ध्यान रखना चाहिये।
(3 ) पूजा घर में दीपक जलायें तथा अगरबत्ती के बजाय धूप बत्ती जलायें ।  .