Tuesday 21 May 2024

(5.4.1) मनुष्य का सच्चा मित्र कौन होता है ? Manushya Sachcha Mitra Kaun Hota Hai – Chankya Niti Ch. 5 Shlok 15

मनुष्य का सच्चा मित्र कौन होता है ? Manushya Sachcha Mitra Kaun Hota Hai – Chankya Niti Ch. 5 Shlok 15
मनुष्य का सच्चा मित्र

विदेश में विद्या ही मनुष्य की सच्ची मित्र होती हैघर में अच्छे स्वभाव और गुणवान पत्नी मनुष्य की सबसे अच्छी मित्र होती है। रोगी व्यक्ति की मित्र औषधि होती है और मृत्यु आने पर व्यक्ति का मित्र उसका धर्म और उसके सत्कर्म होते हैं।

इसे और अधिक स्पष्ट करने के लिए आचार्य चाणक्य कहते हैं कि विद्वान व्यक्ति  जहाँ भी जाता है वह अपनी विद्या के बल पर  लोगों को प्रभावित कर लेता है और लोग उसका सम्मान करते हैं। संकट आने पर भी वह अपनी विद्या का उपयोग करके उस  संकट से मुक्त होने का कोई न कोई उपाय निकाल ही लेता है। इसलिए कहा गया है कि विदेश में विद्या ही मनुष्य का सबसे बड़ा मित्र होती है।

अच्छे स्वभाव वाली पत्नी एक सच्चे मित्र की भाँति पति के सुख - दुख को बॉटकर उसके जीवन को आनंददायक बना देती है। इसलिए घर में मनुष्य की पत्नी ही उसका सच्चा मित्र होती है।

रोगी व्यक्ति  औषधि लेकर ही स्वस्थ होता है अतः औषधि ही रोगी की सच्ची मित्र होती है।

मनुष्य की मृत्यु आने पर सभी लोग उसका साथ छोड़ देते हैं केवल  उसके द्वारा किए गए सद्कर्म और उसका धर्म ही उसके साथ जाते हैं। इसलिए मृत्यु आने पर मनुष्य के द्वारा किये गए सद्कर्म और धर्म ही उसके सच्चे मित्र होते हैं।