राष्ट्र गीत (National song) -
सुप्रसिद्ध बंगला साहित्यकार बंकिम चन्द्र चटर्जी ने सन 1882 में प्रकाशित अपने उपन्यास 'आनंद मठ' में इस गीत को लिखा था। यह गीत सन 1896 में सर्वप्रथम भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के अधिवेशन में गाया गया। संविधान सभा ने 24 जनवरी 1950 को राष्ट्र गान के साथ - साथ इसे भी राष्ट्रीय गीत के रूप में अंगीकार किया। इसका अंग्रेजी अनुवाद श्री अरबिंदो ने किया है। यह राष्ट्रीय गीत स्वतंत्रता आन्दोलन में जन - जन का प्रेरणा स्रोत था। इसे 65 सैकंड में गाया जाना चाहिए।
यदुनाथ चटर्जी ने सर्वप्रथम इस गीत को धुन दी थी।
फ़िलहाल इसे पन्ना लाल घोष द्वारा बनाई गई धुन पर गाया जाता है।
वन्दे मातरम !
सुजलाम, सुफलाम, मलयज - शीतलाम,
शस्य श्यामलाम , मातरम !
शुभ्र ज्योत्स्नाम , पुलकित यामिनीम,
फुल्ल कुसुमित द्रुमदल शोभिनीम,
सुहासिनीम , सुमधुर भाषिणीम,
सुखदाम , वरदाम , मातरम !