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Tuesday, 23 September 2025
(4.1.7) What is GEN Z or Generation Z जेन जेड या जेन जी किसे कहते हैं?
नेपाल में हुए राजनीतिक उथल पुथल ने दुनिया भर का ध्यान अपनी ओर खींचा है।
इस प्रदर्शन की विशेष बात यह थी कि इसका कोई व्यक्ति विशेष नेतृत्व नहीं कर रहा
था। पूरे प्रदर्शन का नेतृत्व एक उम्र विशेष के युवा ही कर रहे थे। इस युवा वर्ग
के लिए Gen Z शब्दावली का प्रयोग किया गया था। यह “Generation Z” का संक्षिप्त रूप है। जिसे संक्षेप में “GEN Z” या GEN ZEE (जेन जेड या जेन जी) बोला जाता है।
“GEN Z” कोई राजनीतिक सामाजिक या सांस्कृतिक संगठन नहीं है, बल्कि काल खण्ड विशेष में जन्में लोगों की एक पीढ़ी यानि एक Generation के सभी लोगों के लिए प्रयुक्त होने वाले शब्द हैं।
अब हम जानेंगे कि “जेन जी” किसे कहा जाता है, तथा इसमें किस
उम्र के लोग शामिल होते है?
“जेनरेशन जेड” या “जनरेशन जी” उन लोगों के समूह को कहा जाता है जो 1997 से 2012 के बीच में पैदा हुए हैं। इन लोगों को Zoomers के नाम से भी जाना जाता है।
Gen Z की सामान्य विशेषताएं -
यह वह युवा वर्ग है जो तकनीक, इंटरनेट और सोशल
मीडिया के साथ बड़ा हुआ है। यह वह पहली पीढ़ी है जिन्हें जन्म के साथ ही इंटरनेट, स्मार्टफोन आदि की सुविधा मिली हैं।
ये अपनी अलग सोच और आदतों से समाज और अर्थव्यवस्था दोनों पर असर डाल रहे
हैं।
इन्हें Digital Natives भी कहा जाता है
क्योंकि इनका जीवन स्मार्टफोन, इंटरनेट और सोशल
मीडिया से जुड़ा हुआ होता है। यही वजह है कि टेक्नोलॉजी का प्रयोग करना इनके लिए
बहुत आसान है।
ये वित्तीय सोच वाले होते हैं।
अन्य पीढ़ियों की तुलना में इनमें अधिक विविधता होती है।
ये राजनीतिक और सांस्कृतिक रूप से प्रगतिशील होते हैं।
ये अपनी नौकरी से मिलने वाले उद्देश्य और संतुष्टि को महत्व देते हैं।
ये अपनी रुचि और रुझान के अनुसार ही नौकरी या व्यवसाय करना चाहते हैं।
ये किसी संगठन में काम करते समय ऐसे लाभों और सुविधाओं की तलाश में रहते
हैं जो उन्हें मूल्यवान महसूस कराए।
ये अपनी रचनात्मकता और मल्टीटास्किंग कौशल के लिए जाने जाते हैं।
ये लोग टेक्नोलॉजी के माध्यम से पूरी दुनिया से जुड़े हुए होते हैं और
ऑनलाइन माध्यमों से नए रुझान बनाते हैं और अपना कल्चर तैयार करते हैं।
ये लोग तकनीक प्रेमी और स्वाभाविक इंटरनेट उपयोगकर्ता होते हैं।
ये बदलाव के प्रति ज्यादा खुले और अपने विचारों में उदार होते हैं।
इनमें धैर्य की कमी होती है और ये शीघ्र क्रोधित हो जाते हैं।
ये परंपराओं और रीति रिवाजों में कम विश्वास रखते हैं।
इनमें से ज्यादातर का झुकाव पश्चिमी सभ्यता की ओर होता है।
ये एकल परिवार को प्राथमिकता देते हैं।
ये मोबाईल फोन का ज्यादा प्रयोग करते हैं।
इनमें से अधिकांश में सहिष्णुता की कमी होती है।
Friday, 12 September 2025
(6.11.19) रामचरितमानस किन लोगों के समझ में नहीं आती है? Who cannot understand Ramcharit Manas
रामचरितमानस किन लोगों के समझ में नहीं आती है? Who cannot understand Ramcharit Manas
रामचरितमानस भारतीय संस्कृति में एक विशेष स्थान
रखती है और मनुष्य की सबसे बड़ी मार्गदर्शक है। यह महान कवि गोस्वामी तुलसीदास जी
के द्वारा रचित प्रसिद्ध महाकाव्य है। इसके नायक मर्यादा पुरुषोत्तम श्री राम हैं।
इसकी भाषा सुगम है। फिर भी यह कुछ लोगों के समझ में नहीं आती है। इसके संबंध में
तुलसीदास जी कहते हैं कि रामचरितमानस बोध गम्य है, परंतु यह तीन प्रकार के व्यक्तियों के समझ में नहीं
आती है। इसे स्पष्ट करने के लिए रामचरितमानस में एक दोहा इस प्रकार है -
जे श्रद्धा संबल रहित, नहिं संतन्ह कर साथ।
तिन्ह कहुँ मानस अगम अति, जिन्हहि न प्रिय रघुनाथ।
अर्थात जिनके मन में श्रद्धा का भाव नहीं है, संतों का साथ नहीं है और
जिनको श्री राम से प्रेम नहीं है, उनके लिए यह रामचरितमानस अगम है। यानि श्रद्धा, सत्संग और राम के प्रति प्रेम
के बिना इसको समझा नहीं जा सकता।
Wednesday, 3 September 2025
(6.6.9) वह विजय पाने का हकदार होता है Vijay Kaun Pataa Hai ? Krishna Ki Shiksha
वह विजय पाने का हकदार होता है Vijay Kaun Pataa Hai ? Krishna Ki Shiksha
भगवान श्री कृष्णा अर्जुन से कहते
हैं, हे पार्थ मनुष्य का यह कर्तव्य है
कि वह अपना पतन न होने दे। और स्वयं ही अपना उद्धार करे। मनुष्य स्वयं ही अपना
मित्र भी है और स्वयं ही अपना शत्रु भी। जिसने अपने अहम, अपने मन और अपनी इंद्रियों को अपने
वश में कर लिया हो, वह स्वयं ही अपना मित्र है और जो इनके बस में हो गया, पार्थ, वह स्वयं ही अपना शत्रु है।
जो शीतकाल और ग्रीष्मकाल, सुख और दुख, मान और अपमान में शांत रहे और
संतुलन बनाए रखें, वह जितेंद्रिय पुरुष स्वतः ही विजय पाने का हकदार हो जाता है।
Tuesday, 2 September 2025
(6.4.29) आर्थिक सम्पन्नता हेतु हनुमान चालीसा की चौपाई Hanuman Chalisa Chaupai for Prosperity /Ashta Siddhi Nau Nidhi Ke Data
आर्थिक सम्पन्नता हेतु हनुमान चालीसा की चौपाई Hanuman Chalisa Chaupai for Prosperity
ब्रह्मा आदि अनेक देवताओं
का आशीर्वाद और वरदान पाने के कारण हनुमान जी
अत्यन्त शक्ति सम्पन्न हैं. यदि कोई व्यक्ति हनुमान जी के किसी भी मंत्र का
पूर्ण निष्ठा और विश्वास के साथ जप करे, तो उस व्यक्ति को हनुमान जी की कृपा व
आशीर्वाद से भौतिक और अध्यात्मिक लाभ मिलते हैं.
हनुमान जी के पास आठ
सिद्धियाँ और नौ निधियाँ हैं. इन सिद्धियों और निधियों को दूसरे व्यक्ति को प्रदान
करने की शक्ति माता जानकी के आशीर्वाद से हनुमान जी को प्राप्त हुई हैं. अतः जो
व्यक्ति हनुमान चालीसा की इस चौपाई का निष्ठा और विश्वास के साथ पाठ करे तो उसे हनुमान
जी की कृपा से आर्थिक सम्पन्नता प्राप्त होती है.
इस चौपाई का पाठ
करने की विधि इस प्रकार है –
दैनिक कार्य से
निवृत्त होकर प्रातःकाल उत्तर या पूर्व में मुहँ करके किसी शांत स्थान पर ऊन के
आसन पर बैठ जाएँ. अपने सामने हनुमान जी का चित्र रख लें. अपनी आँखें बन्द करके
हनुमान जी का ध्यान करें.
ध्यान इस प्रकार है –
अतुल बल के धाम,
सोने के पर्वत सुमेरु के समान कान्तियुक्त शरीर वाले, दैत्यरूपी वन के के लिए
अग्निरूप, ज्ञानियों में अग्रगण्य, सम्पूर्ण गुणों के निधान, वानरों के स्वामी,
श्री रघुनाथ जी के प्रिय भक्त, पवन पुत्र श्री हनुमान जी को मैं प्रणाम करता हूँ.
इसके बाद निम्नांकित
चौपाई का प्रतिदिन पाँच, सात या ग्यारह माला का निष्ठा व विश्वास के साथ तीन
महीनें तक जप करें. जप जितना ज्यादा होगा, प्रतिफल उतना ही ज्यादा प्राप्त होगा.
चौपाई इस प्रकार है –
अष्ट सिद्धि नौ निधि
के दाता, अस बर दीन जानकी माता.
दैनिक जप समाप्त हो
जाने पर पूजा के स्थान को तुरंत नहीं छोड़े. मन्त्र जप के बाद शान्ति पूर्वक बैठ
जाएँ, अपनी आँखें बंद करें व हनुमान जी के असीम स्नेह, शक्ति व आशीर्वाद का चिंतन
करें और पूर्ण विश्वास के साथ भावना करें कि हनुमान जी की कृपा से आपको आर्थिक
सम्पन्नता प्राप्त हो रही है, आपके व्यवसाय में उत्तरोत्तर वृद्धि हो रही है और
आपकी मनो कामना पूर्ण हो रही है.
इसके बाद आप हाथ जोड़
कर हनुमान जी के प्रति अपनी श्रद्धा प्रकट करें व उनके प्रति विश्वास की भावना के
साथ जप के स्थान को छोड़ कर अपने दैनिक कार्य में लग जाएँ.