Wednesday, 3 September 2025

(6.6.9) वह विजय पाने का हकदार होता है Vijay Kaun Pataa Hai ? Krishna Ki Shiksha

 वह विजय पाने का हकदार होता है Vijay Kaun Pataa Hai ? Krishna Ki Shiksha

भगवान श्री कृष्णा अर्जुन से कहते हैं, हे पार्थ मनुष्य का यह कर्तव्य है कि वह अपना पतन न होने दे। और स्वयं ही अपना उद्धार करे। मनुष्य स्वयं ही अपना मित्र भी है और स्वयं ही अपना शत्रु भी। जिसने अपने अहम, अपने मन और अपनी इंद्रियों को अपने वश में कर लिया हो, वह स्वयं ही अपना मित्र है और जो इनके बस में हो गया, पार्थ, वह स्वयं ही अपना शत्रु है।

जो शीतकाल और ग्रीष्मकाल, सुख और दुख, मान और अपमान में शांत रहे और संतुलन बनाए रखें, वह जितेंद्रिय पुरुष स्वतः ही विजय पाने का हकदार हो जाता है।

Tuesday, 2 September 2025

(6.4.29) आर्थिक सम्पन्नता हेतु हनुमान चालीसा की चौपाई Hanuman Chalisa Chaupai for Prosperity /Ashta Siddhi Nau Nidhi Ke Data

आर्थिक सम्पन्नता हेतु हनुमान चालीसा की चौपाई Hanuman Chalisa Chaupai for Prosperity

ब्रह्मा आदि अनेक देवताओं का आशीर्वाद और वरदान पाने के कारण हनुमान जी  अत्यन्त शक्ति सम्पन्न हैं. यदि कोई व्यक्ति हनुमान जी के किसी भी मंत्र का पूर्ण निष्ठा और विश्वास के साथ जप करे, तो उस व्यक्ति को हनुमान जी की कृपा व आशीर्वाद से भौतिक और अध्यात्मिक लाभ मिलते हैं.

हनुमान जी के पास आठ सिद्धियाँ और नौ निधियाँ हैं. इन सिद्धियों और निधियों को दूसरे व्यक्ति को प्रदान करने की शक्ति माता जानकी के आशीर्वाद से हनुमान जी को प्राप्त हुई हैं. अतः जो व्यक्ति हनुमान चालीसा की इस चौपाई का निष्ठा और विश्वास के साथ पाठ करे तो उसे हनुमान जी की कृपा से आर्थिक सम्पन्नता प्राप्त होती है.

इस चौपाई का पाठ करने की विधि इस प्रकार है –

दैनिक कार्य से निवृत्त होकर प्रातःकाल उत्तर या पूर्व में मुहँ करके किसी शांत स्थान पर ऊन के आसन पर बैठ जाएँ. अपने सामने हनुमान जी का चित्र रख लें. अपनी आँखें बन्द करके हनुमान जी का ध्यान करें.

ध्यान इस प्रकार है –

अतुल बल के धाम, सोने के पर्वत सुमेरु के समान कान्तियुक्त शरीर वाले, दैत्यरूपी वन के के लिए अग्निरूप, ज्ञानियों में अग्रगण्य, सम्पूर्ण गुणों के निधान, वानरों के स्वामी, श्री रघुनाथ जी के प्रिय भक्त, पवन पुत्र श्री हनुमान जी को मैं प्रणाम करता हूँ.

इसके बाद निम्नांकित चौपाई का प्रतिदिन पाँच, सात या ग्यारह माला का निष्ठा व विश्वास के साथ तीन महीनें तक जप करें. जप जितना ज्यादा होगा, प्रतिफल उतना ही ज्यादा प्राप्त होगा. चौपाई इस प्रकार है –

अष्ट सिद्धि नौ निधि के दाता, अस बर दीन जानकी माता.

दैनिक जप समाप्त हो जाने पर पूजा के स्थान को तुरंत नहीं छोड़े. मन्त्र जप के बाद शान्ति पूर्वक बैठ जाएँ, अपनी आँखें बंद करें व हनुमान जी के असीम स्नेह, शक्ति व आशीर्वाद का चिंतन करें और पूर्ण विश्वास के साथ भावना करें कि हनुमान जी की कृपा से आपको आर्थिक सम्पन्नता प्राप्त हो रही है, आपके व्यवसाय में उत्तरोत्तर वृद्धि हो रही है और आपकी मनो कामना पूर्ण हो रही है.

इसके बाद आप हाथ जोड़ कर हनुमान जी के प्रति अपनी श्रद्धा प्रकट करें व उनके प्रति विश्वास की भावना के साथ जप के स्थान को छोड़ कर अपने दैनिक कार्य में लग जाएँ.