Wednesday, 3 September 2025

(6.6.9) वह विजय पाने का हकदार होता है Vijay Kaun Pataa Hai ? Krishna Ki Shiksha

 वह विजय पाने का हकदार होता है Vijay Kaun Pataa Hai ? Krishna Ki Shiksha

भगवान श्री कृष्णा अर्जुन से कहते हैं, हे पार्थ मनुष्य का यह कर्तव्य है कि वह अपना पतन न होने दे। और स्वयं ही अपना उद्धार करे। मनुष्य स्वयं ही अपना मित्र भी है और स्वयं ही अपना शत्रु भी। जिसने अपने अहम, अपने मन और अपनी इंद्रियों को अपने वश में कर लिया हो, वह स्वयं ही अपना मित्र है और जो इनके बस में हो गया, पार्थ, वह स्वयं ही अपना शत्रु है।

जो शीतकाल और ग्रीष्मकाल, सुख और दुख, मान और अपमान में शांत रहे और संतुलन बनाए रखें, वह जितेंद्रिय पुरुष स्वतः ही विजय पाने का हकदार हो जाता है।