Thursday 14 May 2020

(1.1.24) Gautam Buddha Ke Updesh

Teachings of Gautam Buddha for Mental Peace / मानसिक शान्ति के लिए गौतम बुद्ध के उपदेश

भगवान् गौतम बुद्ध का मार्ग दुःख से मुक्ति पाकर शाश्वत आनंद में स्थित हो जाने का मार्ग है।  उन्होंने सत्य, शान्ति और अहिंसा की शिक्षा के माध्यम से सम्पूर्ण मानव जाति को एक नयी राह दिखाई थी। उनके आदर्शों और सिद्धांतों का अनुसरण करके निश्चित रूप से ही मानसिक शान्ति प्राप्त की जा सकती है।
आइये, मानसिक शान्ति के लिए भगवान् बुद्ध के उपदेशों को जानें -
- आप जैसा सोचते हैं, वैसे ही बन जाते हैं।  इसलिए सुखद और रचनात्मक विषयों के बारे में सोचें।  रचनात्मक सोच के साथ बिताया हुआ एक क्षण एक दिन को सुन्दर और सुखद बना सकता है, एक दिन एक जीवन को और एक जीवन इस पूरे संसार को सुन्दर और सुखद बना सकता है।
- अपने कार्य, व्यवहार और आचरण में हर प्रकार की अति से बचते हुए मध्यम मार्ग को अपनाओ। वीणा के तारों को इतना मत कसो कि वे टूट जाएँ और इतना ढीला भी मत छोड़ो कि उनसे सुरीला स्वर ही नहीं निकले।
- मानसिक शान्ति चाहते हो तो अपनी इच्छाओं को सीमित करो। इच्छाओं का कभी अन्त नहीं होता है, यदि आपकी एक इच्छा पूरी होती है तो दूसरी इच्छा जन्म ले लेती है और यही क्रम चलता रहता है जो अशान्ति को जन्म देता है।
- बौद्ध दर्शन का एक सूत्र है - 'अप्प  दीपो भवः ' अर्थात अपना दीपक स्वयं बनो, अपना प्रकाश स्वयं बनो।इसको इस तरह भी कहा जा सकता है कि  अपना उद्धार स्वयं करें, दूसरों पर निर्भर नहीं रहें और न ही दूसरों से किसी प्रकार की सहायता की अपेक्षा करें क्योंकि अपेक्षा से दुःख उत्पन्न होता है, जिससे मानसिक शान्ति नष्ट होती है।
- संदेह या शक एक भयंकर बीमारी है, एक नकारात्मक आदत है।  इसके कारण भटकन की प्रवृति बढ़ जाती है, स्वभाव अत्यन्त आत्मकेन्द्रित और सोच संकुचित हो जाती है। अतः संदेह का त्याग करके ही प्रसन्नता और मानसिक शान्ति प्राप्त की जा सकती है।
- एक जलते हुए दीपक से सैंकड़ों दीपक जलाये जा सकते हैं, फिर भी उस एक दीपक का प्रकाश कम नहीं होता है।  इसी प्रकार प्रसन्नता या ख़ुशी बाँटने से कम नहीं होती है, बल्कि कई गुना बढ़ जाती है।
- जो बीत गया उसके बारे में विचार नहीं करें और न ही भविष्यके बारे में चिंता करें क्योंकि ये दोनों आपके नियंत्रण  में नहीं हैं।  आप केवल वर्तमान को सुन्दर बनायें, यही सुन्दर वर्तमान आपका भूतकाल बनता है और यही सुन्दर वर्तमान आपका भविष्य बनेगा। यह खुश रहने का एक सरल मार्ग है।
- संतोष सबसे बड़ा धन है, स्वास्थ्य सबसे बड़ा उपहार है, वफादारी सबसे बड़ा सम्बन्ध है और मुस्कराहट सबसे बड़ी ताकत है।