Friday 29 May 2020

(6.2.8) Ganesh ji ko Tulasi Kyon Nahin Chadhai Jaati Hai

Ganesh ji Ko Tulasi kyon Nahin Chadhai Jaati Hai / Why is Tulasi Not Offered To Ganesh ji / गणेश जी को तुलसी क्यों नहीं चढ़ाई जाती है ?

गणेश जी को तुलसी क्यों नहीं चढाई जाती है ?
तुलसी भगवान् विष्णु को बहुत प्रिय है। विष्णु पूजा में तुलसी का प्रयोग करने से भगवान् विष्णु बहुत प्रसन्न होते है , परन्तु गणेश जी की पूजा में तुलसी का प्रयोग वर्जित है।
इस सम्बन्ध में श्री गणेश अंक के पृष्ठ संख्या 220 पर एक कथा इस प्रकार है -
ब्रह्म कल्प की बात है। धर्मात्मज की नव युवती पुत्री तुलसी देवी भगवान् नारायण का स्मरण करती हुई तीर्थों का भ्रमण कर रही थी। इसी अवधि में वह श्री गंगा जी के पावन तट पर पहुँची। वहाँ तुलसी देवी ने अत्यंत सुन्दर और शुद्ध पीताम्बर धारण किये नव यौवन संपन्न गणेश जी को तपस्या करते हुए देखा। उनके सम्पूर्ण शरीर पर चन्दन लगा हुआ था और वे रत्न जड़ित आभूषणों से विभूषित थे। इस रूप में गणेश जी को देख कर तुलसी के मन में गणेश जी से विवाह करने की इच्छा जागृत हो गई। उसने गणेश जी की तपस्या भंग कर दी।
इस पर गणेश जी ने उस से पूछा , " देवी , तुम कौन हो और किसकी पुत्री हो और यहाँ किस लिए आयी हो ? "
इस पर तुलसी देवी ने अपना परिचय दिया और गणेश जी के समक्ष उनसे विवाह का प्रस्ताव रखा। इस पर गणेश जी ने कहा " देवी , विवाह बड़ा दुखदायी होता है। यह संशयों का उद्गम स्थान है। मैं विवाह नहीं करना चाहता हूँ। तुम मेरी ओर से अपना मन हटाकर किसी अन्य पुरुष को पति के रूप में वरण कर लो। मुझे क्षमा करो। "
विवाह के प्रस्ताव को ठुकराने की बात से क्रोधित होकर तुलसी देवी ने गणेश जी को शाप दिया कि तुम विवाह नहीं करना चाहते हो , लेकिन तुम्हारा विवाह अवश्य होगा।
गणेश जी ने भी उसे शाप दिया कि तुम्हारा विवाह किसी असुर से होगा। बाद में महापुरुषों के शाप से तुम वृक्ष हो जाओगी। तुलसी देवी ने इस शाप को सुनकर गणेश जी से क्षमा याचना करने लगी। तुलसी की स्तुति से प्रसन्न होकर गणेश जी ने कहा , " देवी , तुम पुष्पों की सारभूता और विष्णु प्रिया बनोगी। यों तो सभी देवता तुमसे संतुष्ट होंगे , किन्तु श्री हरिविष्णु के लिए तुम विशेष प्रिय होओगी। तुम्हारे द्वारा श्री हरिविष्णु की पूजा अर्चना कर मनुष्य मुक्ति प्राप्त करेंगे , किन्तु मेरे लिए तुम सर्वदा त्याज्य रहोगी अर्थात मेरी पूजा में तुलसी चढ़ाना अशुभ माना जायेगा। इसलिए गणेश जी को तुलसी नहीं चढ़ाई जाती है।