Friday 22 May 2015

(5.1.3) Yatra ki Safalata ke Upay (Tips for safe journey) in Hindi

Tips for a safe and successful journey सफल यात्रा के उपाय 

महत्वपूर्ण कार्य के लिए की जाने वाली यात्रा सिद्धि के लिए निम्नांकित उपाय अपेक्षित हैं -
*शुभ स्मरण एवं अभिवादन -
श्री गणेश, कुल देवता,इष्ट देवता आदि का ध्यान करके और राजा पृथु,श्री कृष्ण,श्री राम आदि का स्मरण करके तथा देवता,ब्राह्मण, गुरुजनों आदि को अभिवादन करके प्रस्थान करना चाहिए।  
* यात्रा के लिए प्रस्थान करते समय मन ही मन श्री तुलसीदासजी  कृत  निम्नांकित दोहे का शुभ स्मरण करना चाहिए-
राम लखन कौसिक सहित सुमिरहु करहु पयान।
लच्छि लाभ लै जगत जसु मंगल सगुन प्रमान।।
भावार्थ - श्री विश्वामित्र जी सहित श्री राम - लक्ष्मण का स्मरण करके यात्रा करो और लक्ष्मी का लाभ लेकर जगत में यश लो। यह शगुन सच्चा मंगलमय है।
* स्वर के अनुसार यात्रा की सफलता -
यात्रा हेतु प्रस्थान करते समय दायाँ या बायाँ जो भी स्वर चल रहा हो, उस समय दायाँ या बायाँ वही कदम पहले उठाएं जिस तरफ का स्वर चल रहा हो।
* मन की प्रसन्नता - 
समस्त शुद्धाशुद्ध तत्वों के समक्ष प्रस्थान कर्त्ता के चित्त की विशुद्धि सर्वोत्तम कही गई है, अतः यात्री की मानसिक निर्मलता अपेक्षित है।
* यात्रा का समय -
- ऊषा काल में प्रस्थान करना शुभ रहता है।
- बृहस्पति के मत के अनुसार अच्छे शकुन देख कर यात्रा करना शुभ रहता है।
- अंगिरा ऋषि के मत से मन की प्रबल इच्छा हो, तब प्रस्थान करना शुभ होता है।
- जनार्दन के मत के अनुसार यात्रा करने में विप्र वाक्य शुभ है।
- प्रस्थान करने के दिन पंचांग शुद्धि नहीं हो तो, अभिजित मुहूर्त इच्छित फल की सिद्धि करता है। लेकिन इस मुहूर्त में बुधवार को सभी दिशाओं की यात्रा वर्जित है तथा दक्षिण की यात्रा सर्वदा वर्जित है।
- यात्रा करना आवश्यक हो और पंचांग शुद्धि नहीं हो, तो शुभ, लाभ या अमृत के चौघडिये में यात्रयात्रा करना श्रेष्ठ है। अमृत का चौघड़िया ज्यादा अच्छा है।
- विजया दशमी को दिन में या सायं काल क्रियमाण यात्रा सदैव विजय प्रद होती है।