Tuesday, 22 July 2025

(7.1.31) ज्योतिष में गण क्या होते हैं? गण कितने होते हैं? Gan Kise Kahte hain/ Gan Kitne Hote Hain/ Dev Gan, Manushya Gan, Rakshas Gan

ज्योतिष में गण क्या होते हैं? गण कितने होते हैं? Gan Kise Kahte hain/ Gan Kitne Hote Hain/ Dev Gan, Manushya Gan, Rakshas Gan 

ज्योतिष में गण क्या होते हैं?

गणसंस्कृत से लिया गया शब्द है,जिसका अर्थ होता है+ समूह”, “श्रेणीया झुंड। ज्योतिष में इसका प्रयोग किसी भी व्यक्ति के स्वभाव, मनोदशा और दूसरों के साथ उसकी अनुकूलता को समझने के लिए किया जाता है। यह जन्म के समय व्यक्ति के नक्षत्र यानि जन्म नक्षत्र द्वारा निर्धारित होता है। इसका प्रयोग विवाह के पूर्व जन्म कुंडली मिलान के लिए किया जाता है। गण एक दूसरे व्यक्ति की अभिरुचि को दिखाता है। गण के द्वारा यह भी ज्ञात होता है कि दो व्यक्तियों के बीच एक दूसरे के साथ संबंध तथा भावनात्मक लगाव कैसा रहेगा?

ज्योतिष में गणों के प्रकार

गण व्यक्तियों को उनके जन्म नक्षत्र के आधार पर वर्गीकृत करता है और उन्हें तीन श्रेणियों  में विभाजित करता है - देवगण,मनुष्य गण और राक्षस गण।

देवगण - जिस व्यक्ति का जन्म अनुराधा, पुनर्वसु, मृगशिरा,श्रवण, रेवती, स्वाति, अश्विनी, हस्त और पुष्य नक्षत्र में हुआ हो, तो ऐसे व्यक्ति को देवगण की श्रेणी में रखा जाता है।

मनुष्य गण - जिस व्यक्ति का जन्म तीनोंं पूर्वा, तीनों उत्तरा, रोहिणी, भरणी और आर्द्रा नक्षत्र में हुआ हो, तो ऐसे व्यक्ति को मनुष्यगण की श्रेणी में रखा जाता है।

राक्षस गण - जिस व्यक्ति का जन्म मघा, अश्लेषा, धनिष्ठा, ज्येष्ठा, मूल, शतभिषा, कृतिका, चित्रा और विशाखा नक्षत्र में हुआ हो, तो ऐसा व्यक्ति राक्षस गण की श्रेणी में रखा जाता है।