Saturday 17 December 2016

(8.1.20) Karawa Chauth / Karak Chaturthi Vrat

When is Karawa Chauth / karva chauth Vrat vidhi / Karva Chauth story करवा चौथ / करवा चौथ कब है ?

When is Karwa Chauth ? करवा चौथ कब है ?
कार्तिक कृष्ण चतुर्थी को मनाया जाने वाला करवा चौथ व्रत उत्तर भारत में विवाहित स्त्रियों का लोकप्रिय व्रत है। इस दिन स्त्रियाँ अपने पति के स्वास्थ्य, दीर्घायु, एवं मंगल की कामना  करती हैं। वामन पुराण के अनुसार करवा चौथ या करक चतुर्थी का व्रत कार्तिक माह में कृष्ण पक्ष की चंद्रोदय व्यापिनी चतुर्थी को किया जाता है। 
Karwa Chauth Vrat Vidhi in Hindi / करवा चौथ व्रत विधि -
इस व्रत में शिव , पार्वती , कार्तिकेय और चंद्रमा का पूजन किया जाता है।  पूजन में मिट्टी का एक करवा पानी से भरा जाता है। इस करवे  में पैसे , काचरा , आंवला , पुष्प आदि डाले जाते हैं। करवे पर शक्कर से भरी हुई कटोरी और कटोरी पर ब्लाउज का टुकड़ा रखा जाता है। महिलाएं सुंदर वस्त्र पहन कर एक स्थान पर एकत्रित होती हैं और पूजा करती हैं। पूजन के बाद करवा चौथ की व्रत कथाएं सुनती हैं और चंद्रोदय होने पर चन्द्रमा की पूजा करके अर्घ्य दिया  जाता है और इसके बाद भोजन किया जाता है।
Karwa Chauth Story/करवा चौथ से जुडी कहानी - शाकप्रस्थपुर  के वेद धर्मा ब्राह्मण की विवाहिता पुत्री वीरवती ने करवा चौथ का व्रत किया था। नियम यह था कि चंद्रोदय के बाद भोजन करे परन्तु उससे भूख सहन नहीं हुई और वह व्याकुल हो गई। तब उसके भाई ने पीपल की आड़ में आतिश बाजी का सुंदर प्रकाश फैलाकर चंद्रोदय दिखा दिया और वीरवती को भोजन करवा दिया। परिणाम यह हुआ कि उसका पति अलक्षित हो गया। तब वीरवती ने बारह महिने तक चतुर्थी का व्रत किया और अगली करवा चौथ व्रत के बाद उसे उसका पति वापस प्राप्त हुआ।  
( सन्दर्भ - व्रत परिचय पेज- 132 )