Sunday 21 May 2023

(2.1.18) Maulikata /Originality

Maulikata/ Originality/ मौलिकता

मौलिकता  एक विशिष्ट गुण

प्रत्येक व्यक्ति का अपना एक विशिष्ट गुण होता है, जिसके द्वारा उस व्यक्ति की पहचान बनती है, इसी गुण के कारण वह दूसरों से अलग दिखता है, उसके सोचने, कार्य करने तथा व्यवहार करने का तरीका दूसरों से भिन्न होता है और एक विशेष छाप छोड़ता है . यही विशिष्ट गुण मौलिकता है . मौलिकता  किसी अन्य की नक़ल या अनुकरण नहीं है, बल्कि एक अनूठापन है जिसमे आकर्षण है, पहचान है, नई सोच और क्षमता है .
सफलता पाने के लिए मौलिकता अपरिहार्य है . किसी अन्य सफल व्यक्ति के अनुभव का उपयोग तो किया जा सकता है, परन्तु उसकी नक़ल करके या उसका अनुकरण करके सफलता प्राप्त नहीं की जा सकती है . पूर्ण सफलता के लिए निजी सोच, शक्ति व दृष्टि महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं .
हर व्यवसाय में, हर क्षेत्र में सुधार की संभावना हमेशा बनी रहती है . यदि कोई व्यक्ति नया सोचता है, नया करता है, तो संभव हिअ कुछ लोगों द्वारा या कुछ समय तक उसकी सोच या उसकी नयेपन को मान्यता नहीं मिले परन्तु एक समय बाद निश्चित ही उसे मान्यता मिलती है क्योंकि उसके तरीके में, उसकी सोच में मौलिकता होती है न कि नक़ल .
कई व्यवसाय पुराने व परम्परागत होते हैं, परन्तु एक मौलिक व्यक्ति उस व्यवसाय में नयापन ले आता है जिससे वह इसे एक विशेष पहचान दिला देता है . इसके विपरीत पुराने तरीके से उस व्यवसाय का सचांलन करते रहने से वह व्यवसाय अन्य लोगों के व्यवसाय से पिछड़ जायेगा . नई तकनीक, नई सोच का ही परिणाम है . ऊर्जावान व गतिमान बने रहने के लिए नयेपन की व् मौलिकता की आवश्यकता है अन्यथा जहाँ हम वर्षों पहले थे, अब भी वहीं बने रहेंगे . हमारे पूर्वजों ने उस समय की मांग व आवश्यकता को ध्यान में रख कर अपनी कार्य प्रणाली विकसित की होगी लकिन वर्तमान समय की बदली हुई परिश्थितियों में वह कार्य प्रणाली सफल हो, आवश्यक नहीं है . समय और परिस्थिति के अनुसार नया करने की आवश्यकता होती है . हमारी सोच भिन्नता लिये हुए होनी चाहिए . हमारा बोल ने का तरीका भिन्न व आकर्षक हो और कार्य प्रणाली एक  अलग पहचान लिये हुए हो . हर चीज जो भी हम से जुडी हुई हो, उस पर हमारी छाप होनी चाहिए . ये हीं बातें हमें दूसरों से भिन्न करती हैं . यही मौलिकता है, जिसके कारण हमारा अन्दाज, हमारा आचरण, कार्य प्रणाली आदि भिन्न नजर आते हैं .