Wednesday 24 June 2020

(6.4.7) Sampannata Hetu Hanuman Chalisa Ki Chaupai

Sampannata Hetu Hanuman Chalisa ki Samputit Chaupai / Samputit Chaupai Of Hanuman Chalisa For Prosperity / आर्थिक सम्पन्नता हेतु हनुमान चालीसा की सम्पुटित चौपाई

आर्थिक सम्पन्नता हेतु हनुमान चालीसा की सम्पुटित चौपाई
हनुमान चालीसा में रामभक्त हनुमान जी के गुणों और कार्यों का सुन्दर वर्णन है। यों तो हनुमान चालीसा का पाठ सम्पूर्ण मनोकामनाओं की पूर्ति करता है और विपत्तियाँ दूर करता है; परन्तु हनुमान चालीसा की कुछ चौपाइयाँ मन्त्र के रूप में काम करती हैं।  इन चौपाइयों को सम्पुटित करके इनका पाठ किया जाए, तो पाठ करने  वाले व्यक्ति को अपेक्षित व चमत्कारी परिणाम प्राप्त होते हैं।
आगे बढ़ने से पहले हम समझेंगे कि किसी मन्त्र को सम्पुटित कैसे किया जाता है ?
किसी मन्त्र के पहले और बाद में किसी अन्य मन्त्र को बोलना सम्पुटित करना कहलाता है।
पाठ करने की विधि
दैनिक कार्य से निवृत्त होकर उत्तर या पूर्व की तरफ मुँह करके ऊन के आसन पर बैठ जाएँ। अपने सामने  हनुमान जी का चित्र रखें।  अपनी आँखे बंद करके हनुमान जी का ध्यान करें।
ध्यान इस प्रकार है -
अतुल बल के धाम , सोने के पर्वत सुमेरु के समान कान्ति युक्त शरीर वाले , दैत्य रूपी वन को ध्वंस करने के लिए अग्नि रूप , ज्ञानियों में अग्रगण्य , सम्पूर्ण गुणों के निधान , वानरों के स्वामी , श्री रघुनाथजी के प्रिय भक्त पवन पुत्र श्री हनुमान जी को मैं प्रणाम करता हूँ।
इस प्रकार ध्यान के बाद , इस सम्पुटित चौपाई का मंगलवार या शनिवार से शुरू करके एक  माला का प्रति दिन जप करें और ग्यारह मंगलवार अथवा ग्यारह शनिवार को इस चौपाई का ग्यारह माला या सात माला या पाँच माला का जप करें।
चौपाई इस प्रकार है -
अष्ट सिद्धि नौ निधि के दाता, अस बर दीन जानकी माता।
इस चौपाई के पहले और बाद में - "जै जै जै हनुमान गोसाईं , कृपा करो गुरुदेव की नाईं । " जोड़ा जायगा।
जैसे -
(1)जै जै जै हनुमान गोसाईं , कृपा करो गुरुदेव की नाईं।
अष्ट सिद्धि नौ निधि के दाता, अस बर दीन जानकी माता।
जै जै जै हनुमान गोसाईं , कृपा करो गुरुदेव की नाईं ।
(2)अष्ट सिद्धि नौ निधि के दाता, अस बर दीन जानकी माता।
जै जै जै हनुमान गोसाईं , कृपा करो गुरुदेव की नाईं।
(3)अष्ट सिद्धि नौ निधि के दाता, अस बर दीन जानकी माता।
जै जै जै हनुमान गोसाईं , कृपा करो गुरुदेव की नाईं।
(4)अष्ट सिद्धि नौ निधि के दाता, अस बर दीन जानकी माता।
जै जै जै हनुमान गोसाईं , कृपा करो गुरुदेव की नाईं।
(5)अष्ट सिद्धि नौ निधि के दाता, अस बर दीन जानकी माता।
जै जै जै हनुमान गोसाईं , कृपा करो गुरुदेव की नाईं ।
ये पाँच आवृत्तियाँ हुई। इसी प्रकार इसे 108 बार बोलने से एक माला का जप होगा।
जप के पश्चात् शान्ति पूर्वक बैठें, अपनी आँखें बंद करें और हनुमान जी के असीम स्नेह और शक्ति का चिंतन करें तथा पूर्ण विश्वास के साथ भावना करें कि आपकी प्रार्थना को सुन लिया है।  वे आपको आर्थिक सम्पन्नता का आशीर्वाद दे रहे हैं और आप उनकी कृपा व आशीर्वाद से आर्थिक रूप से सम्पन्न होते जा रहे हैं। इस चौपाई और हनुमान जी पर जितना ज्यादा विश्वास और आस्था होगी उतना ही अधिक फल प्राप्त होगा।