Friday 6 October 2023

(6.8.11) शिव गायत्री मंत्र (Shiva Gayatri Mantra) Benefits of Shiva Gayatri Mantra

 शिव गायत्री मंत्र (Shiva Gayatri Mantra) Benefits of Shiva Gayatri Mantra

भगवान् शिव से सम्बंधित अन्य मन्त्रों की तरह ही शिव गायत्री मंत्र भी शक्तिशाली और महामंत्र है. पवित्र भाव, भगवान् शिव के प्रति निष्ठा व विश्वास के साथ शिव गायत्री मंत्र का जप करने से जपकरता का मन निर्मल हो जाता है. जीवन में सुख, समृद्धि , मानसिक शान्ति, यश, धन लाभ, पारिवारिक सुख आदि प्राप्त होते हैं. यह इसके जपकर्ता के मनोरथों को सिद्ध करने वाला मंत्र है. शिव गायत्री मंत्र के जप से असामयिक मृत्यु तथा गंभीर बीमारी का भय नहीं रहता है . जन्म कुंडली में राहु, केतु अथवा शनि पीड़ाकारक हो, तो शिव गायत्री मंत्र से राहत मिलाती है. इस मंत्र की जप विधि इस प्राकार है -

दैनिक कार्य से निवृत होकर किसी शांत स्थान पर पूर्व या उत्तर की तरफ मुँह करके ऊनी आसन पर बैठ जाएँ। भगवान् शिव का चित्र अपने सामने रखें।घी का दीपक  तथा धूपबत्ती जलाएं।  अपनी आखें बंद करके अपना ध्यान भगवान् शिव पर केन्द्रित करें।तथा भावना करें कि भगवान् शिव इस संसार का स्रोत हैं और सम्पूर्ण प्राणियों के स्वामी हैं।वे  बहुत दयालु हैं जो अपनी कृपा से उनके भक्तों का उद्धार  करते हैं।  मैं ऐसे  भगवान् शिव से प्रार्थना  करता हूँ कि वे मुझे आशीर्वाद प्रदान करें।इस तरह की प्रार्थना के बाद इस मंत्र का 108 बार अर्थात एक माला का जप करें | मंत्र इस प्रकार है  :-  

ॐ तत्पुरुषाय विद्महे महादेवाय धीमहि तन्नो रुद्रः प्रचोदयात् I

मंत्र जप समाप्त हो जाये तो उस स्थान को तुरंत नहीं छोड़ें।मंत्र जप के बाद थोड़े समय के लिए शांत बैठ जाये। अपनी आखें बंद कर लें और भगवान् शिव के असीम स्नेह का मनन करें।मन में भावना करें कि भगवान् शिव ने आपकी प्रार्थना को सुन लिया है।वे उनका आशीर्वाद आपको प्रदान कर रहे हैं।उनकी कृपा से जिस भी कामना से आपने मंत्र का जप किया है, वह कामना पूर्ण हो रही है.

इसके बाद हाथ जोड़कर भगवान् शिव के प्रति सम्मान प्रकट करें और पूजा का स्थान छोड़कर अपने दैनिक कार्य में लग जाएँ।