Friday 4 November 2016

(5.1.11) Tulsi Vivah / Importance of Tulsi Vivah / तुलसी विवाह

Tulsi Vivah / Importanceof Tuulsi Vivah / तुलसी विवाह / तुलसी विवाह का महत्व / तुलसी विवाह कब किया जाता है / Marriage of Tulsi plant 

तुलसी विवाह / Tulsi Vivah ( For English translation click here) 
तुलसी एक पवित्र पौधा है। इसे विष्णु प्रिया के रूप में भी जाना जाता है।  तुलसी  विवाह को हिन्दू मान्यता के अनुसार धार्मिक कृत्य माना गया है। 
When to solemnize Tulsi Vivah तुलसी विवाह कब किया जाता है 
पद्म पुराण में कार्तिक शुक्ल नवमी को  तुलसी विवाह करने का उल्लेख किया गया है , परन्तु अन्य ग्रंथों के अनुसार देव प्रबोधिनी एकादशी से कार्तिक शुक्ल पूर्णिमा तक के पाँच दिनों में तुलसी विवाह करने को  अधिक फल दायी  माना  गया है।  
How is Tulsi Vivah solemnized तुलसी विवाह कैसे किया जाता है 
तुलसी के जिस पौधे का विवाह किया जाना है , उस पौधे को विवाह से तीन माह पूर्व से जल सींचना शुरू किया जाता है , प्रति दिन दीपक जलाया जाता है और पूजा की जाती है। देव प्रबोधिनी एकादशी या भीष्म पंचक अथवा ज्योतिष शास्त्रोक्त विवाह मुहूर्त में तोरण - मंडप आदि बना कर ब्राह्मण से गणपति , मातृका का पूजन , नान्दी श्राद्ध और पुण्याह वाचन  करा के मंदिर की साक्षात विष्णु  मूर्ति के साथ स्वर्ण के लक्ष्मीनारायण और पोषित तुलसी के पौधे के साथ स्वर्ण और चाँदी की तुलसी को शुभासन पर पूर्व की ओर  मुख करवा कर विराजमान करें आर यजमान ( दम्पत्ति जो तुलसी विवाह करा रहा है ) उत्तर की ओर  मुख करके बैठ जाये और गो धूलि वेला में 'वर ' ( भगवान विष्णु ) का पूजन , 'कन्या ' ( तुलसी ) का दान , हवन और अग्नि परिक्रमा आदि करके वस्त्र - आभूषण दे और यथा शक्ति ब्राह्मण भोजन करा कर स्वयं भोजन करे। 
Importance of Tulsi Vavah  तुलसी विवाह का महत्व   
जो व्यक्ति तुलसी विवाह का आयोजन करता है उसे कन्या दान का फल मिलता है पुण्य लाभ होता है।