Tuesday 8 November 2016

(8.1.18) Akshay Navami / Amala Navami अक्षय नवमी /आमला नवमी

अक्षय नवमी / आमला नवमी / आमला नवमी का महत्व Akshay Navami / Aanvala Navami, /Kushmand Navami, /Dhatri Navami./ Important things about Akshay Navami 

When is Akshay Navami or Amla Navami अक्षय नवमी / आमला नवमी 
कार्तिक शुक्ल नवमी को अक्षय नवमी कहा जाता है।  अक्षय नवमी को अन्य नामों से भी जाना जाता है , जैसे - आँवला नवमी , कुष्मांड नवमी , धात्री नवमी आदि। 
Important things about Akshay Navami अक्षय नवमी के बारे में अन्य बातें :- 
(१) अक्षय का अर्थ होता है , जिसका क्षय नहीं हो। अक्षय नवमी के दिन किया हुआ पूजा - पाठ , दिया हुआ दान - पुण्य अक्षय हो जाता है ,इस कारण इसका नाम अक्षय नवमी है। 
(२) अक्षय नवमी को पूजा, व्रत , तर्पण , अन्नादि का दान करने से अनंत फल होता है। इस दिन गाय , भू और वस्त्र - आभूषण आदि का दान किया जाये तो यथा भाग्य इन्द्रत्व ,शूरत्व या नराधिपत्व की प्राप्ति होती है और पापों का नाश होता है। 
(३) कार्तिक शुक्ल नवमी को कुष्मांड नवमी भी कहा जाता है। इस दिन कुष्मांड (काशीफल / कद्दू ) में गुप्त दान (स्वर्ण ,चाँदी ,रूपया ,पैसा आदि) रख कर गंध ,अक्षत ,पुष्प आदि से पूजा कर गौ घृत ,फल ,अन्न आदि दक्षिणा के साथ योग्य ब्राह्मण को दान देने से विशेष फल मिलता है। 
(४) अक्षय नवमी के दिन स्नानादि करके पूर्व की ओर मुख करके आँवले के वृक्ष की षोडशोपचार या पंचपोचार विधि से पूजन करते हैं।  फिर वृक्ष की जड़ में दूध की धारा देकर ,पेड़ के चारों ओर सूत लपेट कर ,कपूर या घी की बत्ती से आरती करके एक सौ आठ परिक्रमा लगाते हैं। पूजन सामग्री में जल,रोली ,अक्षत, गुड ,बतासे ,दीपक और आँवला होने चाहिए। ब्राह्मण तथा ब्राह्मणी को भोजन करा कर ,तिलक करके दक्षिणा दें। फिर स्वयं भोजन करे।