Tuesday 20 June 2023

(6.11.4) Benefits and Importance of Ram Raksha Stotra

 

रामरक्षा स्तोत्र का महत्व और लाभ Ram Raksha Stotra ka Laabh / Benefits of Ramraksha Stotra

राम रक्षा स्तोत्र का महत्व और लाभ

रामरक्षा स्तोत्र भगवान् श्री राम की स्तुति है जिसमें भगवान् राम से रक्षा हेतु प्रार्थना की गयी है. इसके अतिरिक्त इस स्तोत्र में श्री राम का यथार्थ वर्णन, राम वंदन और राम नाम की महिमा आदि विषय भी सम्मिलित हैं.

इस रामरक्षा स्तोत्र मन्त्र के बुधकौशिक ऋषि हैं, सीता और रामचन्द्र देवता हैं, अनुष्टुप छन्द है, सीता शक्ति हैं और हनुमानजी कीलक हैं.

इस स्तोत्र के बारे में विशेष बात यह है कि भगवान् शंकर ने बुधकौशिक ऋषि को स्वप्न में दर्शन देकर रामरक्षा स्तोत्र सुनाया था और उनके आदेशानुसार ही प्रातःकाल उठ कर बुधकौशिक ने इसे लिख दिया.

रामरक्षा स्तोत्र के पाठ करने के लाभ

रामरक्षा स्तोत्र एक प्रभावी और शक्तिशाली स्तोत्र मन्त्र है. इसका आस्था, विश्वास और श्रद्धा के साथ पाठ करने से पाठ करने वाले को मिलने वाले लाभ इस प्रकार हैं –

इसका पाठ करने से पाठकर्ता को भगवान् राम की कृपा और आशीर्वाद प्राप्त होते हैं.

उसके चारों तरफ एक सुरक्षा कवच बन जाता है जिससे वह भयमुक्त रहता है व सभी प्रकार की विपत्तियाँ और नकारात्मक शक्तियाँ उससे दूर रहती हैं.

संकट, व्याधि, और कष्ट दूर होते हैं.

समस्याएं या तो आती ही नहीं और यदि आती भी हैं तो, उनका समाधान मिल जाता है.

आत्मविश्वास और इच्छाशक्ति मजबूत होते हैं.

वह दीर्घायु, सुखी, विनय सम्पन्न और संततिवान होता है.

मन उत्साह, शांति व उमंग से भरा हुआ होता है.

रामरक्षा का पाठ करने की विधि –

प्रातःकाल दैनिक कार्य से निवृत्त होकर उत्तर या पूर्व की तरफ मुख करके ऊनी आसन पर बैठ जाएँ।  भगवान् राम का चित्र अपने सामने रखें।  अपनी आँखें बंद करके भगवान् राम का इस प्रकार ध्यान करें - 

भगवान् राम जिन्होनें धनुष - बाण धारण किये हुए हैं, बद्ध पद्मासन से विराजमान हैं, पीताम्बर पहने हुए हैं, जिनके प्रसन्न नयन नूतन कमलदल से स्पर्धा करते वाम भाग में विराजमान श्री सीता जी के मुख कमल से मिले हुए हैं, उन आजानुबाहु , मेघश्याम, नाना प्रकार के अलंकारों से विभूषित तथा विशाल जटाजूटधारी श्रीरामचन्द्र जी का ध्यान करें. 

इसके बाद इस रामरक्षा स्तोत्र मंत्र का प्रतिदिन एक बार पाठ करें। 

नवरात्रि में प्रतिदिन ग्यारह या सात बार पाठ करना विशेष फलदायी रहता है.