Friday 23 June 2023

(6.11.6) Ram Naam Ki Mahima / Glory of Ram Naam /Ram Naam Ke Laabh

 

राम नाम की महिमा व रामनाम जप के लाभ Ram Naam Ki Mahima /Glory Of Ram Naam

राम नाम की महिमा

भगवान् राम का दो अक्षर का नाम स्वयं में एक महामन्त्र है. राम नाम स्वयं ज्योति है, स्वयं मणि है. राम नाम के महामन्त्र को जपने के लिए किसी विधान या समय का बंधन नहीं है. केवल आवश्यकता है, श्रद्धा, आस्था और विश्वास की.

राम नाम के जप से जपकर्ता का रोम रोम पवित्र हो जाता है. वह जहाँ रहता है, वहां का वातावरण शुद्ध हो जाता है और वह स्थान पवित्र धाम बन जाता है.

राम मन्त्र को तारक मन्त्र कहा जाता है. इसके जप से सभी दुखों का अंत होता है. जो मनुष्य श्रद्धा पूर्वक इसका जप करते हैं, वे संसार रूपी दुस्तर महासागर को सहज रूप से पार कर लेते हैं.

तुलसीदास जी के अनुसार प्रभु के जितने भी नाम हैं, उन सब में से सर्वाधिक श्रीफल देने वाला नाम राम का ही है.

संकट से घबराये हुए आर्त भक्त राम नाम का जप करते हैं तो, उनके बुरे व भारी संकट मिट जाते हैं और वे सुखी हो जाते हैं.

राम नाम मन्त्र जप की साधना एक अलौकिक और दिव्य साधना है. इस साधना से साधक की सोयी हुई चेतना शक्ति जागृत हो जाती है और दिव्य अनुभूति होने लगती हैं.

राम नाम के जप से दिव्य गुण प्रकट होते हैं, जिससे सौम्यता आती है और आत्मबल बढ़ता है.

राम नाम के स्मरण से अपार ऊर्जा उत्पन्न होती है, अखण्ड शान्ति मिलती है और ह्रदय शुद्ध होता है.

कलियुग के कुप्रभाव से बचने के लिए राम नाम जप, स्मरण व संकीर्तन ही सर्व श्रेष्ठ साधन है. 

जलते हुए दीपक को घर के चौखट (देहली) पर रख देने से वह घर के अन्दर तथा बाहर दोनों भागों को प्रकाशित कर देता है, उसी प्रकार राम नाम को जीभ पर रखने से अंतःकरण और बाहरी आवरण दोनों प्रकाशित हो जाते हैं.            

राम रामेति रामेति रमे रामे मनोरमे.

सहस्रनाम तत्तुल्यं राम नाम वरानने.

(भगवान् शिव पार्वतीजी से कहते हैं-) हे सुमुखि, राम नाम विष्णुसहस्र  नाम के तुल्य है. मैं सर्वदा ‘राम, राम, राम’ इस प्रकार मनोरम राम नाम में ही रमण करता हूँ.    

तुलसीदास जी कहते हैं कि राम नाम ‘मन्त्रराज’, ‘बीजमन्त्र’ तथा महामंत्र है. और यह कलिग्रस्त जीवों के उद्धार का एक मात्र साधन है.

रामनाम श्री नृसिंह भगवान् हैं, कलियुग हिरण्यकशिपु है और जप करने वाले जन प्रहलाद के सामान हैं, यह राम नाम देवताओं के शत्रु यानि कलियुग रूपी दैत्य को मार कर जप करने वाले की रक्षा करेगा.

ऐसे कराल यानि कलियुग के काल में तो नाम ही कल्प वृक्ष है, जो स्मरण करते ही सब जंजालों का नाश कर देने वाला है. कलियुग में यह राम नाम मनोवांछित फल देने वाला है, परलोक का परम हितेषी और इस लोक का माता – पिता है.