Friday 22 September 2023

(6.8.8) त्र्यक्षर मृत्युंजय मंत्र Tryakshar Mrityunjay Mantra /Om Joom Sah Tryakshar Mrityunjay Mantra

त्र्यक्षर मृत्युंजय मंत्र Tryakshar Mrityunjay Mantra /Om Joom Sah Tryakshar Mrityunjay Mantra

त्र्यक्षर मृत्युंजय मंत्र का जप जीवन को उल्लास से भर देता है ।जिस घर में त्र्यक्षर मृत्युंजय मंत्र का जप किया जाता है ,उस घर के सदस्यों को बीमारीआकस्मिक या असामयिक  मृत्यु का  भय नहीं रहता है।यह मंत्र स्वास्थ्य और प्रसन्नता प्रदान करने वाला है। इस मंत्र के जप से नकारात्मक भावना दूर होती है. यह व्यक्ति को उसकी कठिनाईयों और बाधाओं पर विजय पाने में सहायता करता है। इसके प्रभाव से ग्रह दोष दूर हो जाता है.

मंत्र जप प्रक्रिया इस प्रकार है :-

दैनिक कार्य से निवृत होकर किसी शांत स्थान पर पूर्व या उत्तर की तरफ मुँह करके ऊनी आसन पर बैठ जाएँ।भगवान् शिव का चित्र अपने सामने रखें।घी का दीपक  तथा अगरबत्ती जलाएं।  अपनी आखें बंद करके अपना ध्यान भगवान् शिव पर केन्द्रित करें।तथा भावना करें कि भगवान् शिव इस संसार का स्रोत हैं और सम्पूर्ण प्राणियों के स्वामी हैं।वे  बहुत दयालु हैं जो अपनी कृपा से उनके भक्तों का उद्धार  करते हैं।  मैं ऐसे  भगवान् शिव से प्रार्थना  करता हूँ कि वे मुझे स्वस्थ रहने का आशीर्वाद प्रदान करें।इस तरह की प्रार्थना के बाद इस मंत्र का 108 बार अर्थात एक माला का जप करें . मंत्र इस प्रकार है  :-   

ॐ जूं सः

मंत्र जप समाप्त हो जाये तो उस स्थान को तुरंत नहीं छोड़ें।मंत्र जप के बाद थोड़े समय के लिए शांत बैठ जाये। अपनी आखें बंद कर लें और भगवान् शिव के असीम स्नेह का मनन करें।मन में भावना करें कि भगवान् शिव ने आपकी प्रार्थना को सुन लिया है।वे उनका आशीर्वाद आपको प्रदान कर रहे हैं।उनकी कृपा से जिस भी कामना से आपने मंत्र का जप किया है, वह कामना पूर्ण हो रही है.

इसके बाद हाथ जोड़कर भगवान् शिव के प्रति सम्मान प्रकट करें और पूजा का स्थान छोड़कर अपने दैनिक कार्य में लग जाएँ।