Saturday 23 September 2023

(6.8.9)पंचाक्षर मंत्र / Panchakshar Mantra (Om Namah Shivay)

पंचाक्षर मंत्र / Panchakshar Mantra (Om Namah Shivay)

Om Namah Shivay

जिस प्रकार भगवान् शिव देवादिदेव हैं, उसी प्रकार सब मन्त्रों में भगवान् शिव का पंचाक्षर मंत्र “ नमः शिवाय “ श्रेष्ठ मन्त्र है . इस मंत्र के शुरू में प्रणव अर्थात  “ ॐ “ जोड़ देने से यह षडाक्षर मंत्र “ॐ नमः शिवाय “ हो जाता है . इस मंत्र में अक्षर तो कम हैं, परन्तु यह महान अर्थ से संपन्न है. यह मोक्ष देने वाला है , भगवान् शिव की आज्ञा से सिद्ध है , संदेह रहित है तथा शिव स्वरुप वाक्य है. यह अनेक प्रकार की सिद्धियों से युक्त और दिव्य है. यह इसके जपकर्ता के मनोरथों को सिद्ध करने वाला है . इस मंत्र की जप प्रक्रिया इस प्रकार है - 

दैनिक कार्य से निवृत होकर किसी शांत स्थान पर पूर्व या उत्तर की तरफ मुँह करके ऊनी आसन पर बैठ जाएँ। भगवान् शिव का चित्र अपने सामने रखें।घी का दीपक  तथा धूपबत्ती जलाएं।  अपनी आखें बंद करके अपना ध्यान भगवान् शिव पर केन्द्रित करें।तथा भावना करें कि भगवान् शिव इस संसार का स्रोत हैं और सम्पूर्ण प्राणियों के स्वामी हैं।वे  बहुत दयालु हैं जो अपनी कृपा से उनके भक्तों का उद्धार  करते हैं।  मैं ऐसे  भगवान् शिव से प्रार्थना  करता हूँ कि वे मुझे आशीर्वाद प्रदान करें।इस तरह की प्रार्थना के बाद इस मंत्र का 108 बार अर्थात एक माला का जप करें . प्रणव सहित मंत्र इस प्रकार है  :-  

“ॐ नमः शिवाय “ 

मंत्र जप समाप्त हो जाये तो उस स्थान को तुरंत नहीं छोड़ें।मंत्र जप के बाद थोड़े समय के लिए शांत बैठ जाये। अपनी आखें बंद कर लें और भगवान् शिव के असीम स्नेह का मनन करें।मन में भावना करें कि भगवान् शिव ने आपकी प्रार्थना को सुन लिया है।वे उनका आशीर्वाद आपको प्रदान कर रहे हैं।उनकी कृपा से जिस भी कामना से आपने मंत्र का जप किया है, वह कामना पूर्ण हो रही है.

इसके बाद हाथ जोड़कर भगवान् शिव के प्रति सम्मान प्रकट करें और पूजा का स्थान छोड़कर अपने दैनिक कार्य में लग जाएँ।

(पंचाक्षर मंत्र जप विधि समाप्त )