Monday 4 September 2023

(8.3.2) शिक्षक दिवस पर भाषण Speech on Teachers’ Day

 शिक्षक दिवस पर भाषण Speech on Teachers’ Day

शिक्षक दिवस पर भाषण

शिक्षक दिवस के अवसर पर शुभ कामना.

शिक्षकों को समर्पित यह शुभ दिन भारत के भूतपूर्व राष्ट्रपति डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन का जन्म दिन है, जिसे हम शिक्षकों का सम्मान करने हेतु शिक्षक दिवस के रूप में मनाते हैं. 

“आचार्य देवो भवः” यह उक्ति भारत में प्राचीन काल से ही गुरु - शिष्य परम्परा की आधार शिला रही है. आचार्य, जिसे शिक्षक, अध्यापक, गुरु आदि के नाम से संबोधित किया जाता है, वह अपने शिष्य, विद्यार्थी या शिक्षार्थी के लिए देवता के समान है. क्योंकि शिक्षक ही विद्यार्थी को अज्ञान रूपी अंधकार से ज्ञान रूपी प्रकाश की ओर ले जाता है और उचित मार्गदर्शन प्रदान करता है.

विद्यार्थियों के जीवन में शिक्षक की भूमिका बहुत महत्वपूर्ण होती है. शिक्षक शिक्षा के साथ - साथ अनुशासन, चरित्र निर्माण और नैतिक आचरण जैसे मूल्यों की स्थापना करके विद्यार्थियों को भावी परिस्थितियों का सामना करने के लिए सक्षम नागरिक बनाता है.

विद्यार्थी राष्ट्र का भविष्य होते हैं. वे शिक्षकों का उचित मार्गदर्शन पाकर, योग्य और कुशल नागरिक के रूप में अपनी भूमिका निभाते हुए राष्ट्र की सामाजिक, सांस्कृतिक और आर्थिक गतिविधियों को आगे बढ़ा कर राष्ट्र निर्माण में अपना योगदान देते हैं.

शिक्षक सामाजिक अभियंता होते हैं. वे भावी डॉक्टर, इंजीनियर, वकील. शिक्षक, वैज्ञानिक, राजनेता और समाज के लिए उपयोगी कार्यकर्ताओं का निर्माण करते हैं. यह शिक्षक ही है जो विद्यार्थी की योग्यता और क्षमता को पहचानता है और उसके अनुरूप ही उसका मार्गदर्शन करके उसे क्षेत्र विशेष में उपयुक्त स्थान दिलाता है. इतिहास गवाह है, यदि द्रोणाचार्य नहीं होते तो, अर्जुन धनुष विद्या में निपुण नहीं होता, यदि रामकृष्ण नहीं होते तो विवेकानंद नहीं होते. चन्द्रगुप्त को सम्राट बनाने में आचार्य चाणक्य की भूमिका को कौन नहीं जानता है? ऐसे आदर्श गुरु और शिष्यों की लम्बी सूची है.

एक विद्यार्थी के लिए शिक्षक के सहयोग और उसकी भूमिका के महत्व के बारे में बताते हुए हमारे भूतपूर्व राष्ट्रपति डॉ. ए. पी. जे. अब्दुल कलाम कहते हैं कि मेरे अध्यापक, जिनका नाम अय्या दुराई सोलोमन था, ने मुझे उनके व्यक्तिव तथा विचारों द्वारा गहन रूप से प्रभावित किया. सोलोमन ने मेरे आत्म सम्मान को उच्चतम बिन्दु तक पहुँचा दिया और मुझे आश्वस्त कर दिया कि कोई भी व्यक्ति अपने खुद के महत्त्व को समझे और सफल होने का विश्वास रखे तो वह सफल हो सकता है, अपनी तकदीर बदल सकता है. वे आगे कहते हैं कि जीवन में सफल होने व अपेक्षित परिणाम प्राप्त करने के लिए व्यक्ति को इच्छा, आस्था और आशा नामक तीन वृहद ताकतों को समझना और उन पर विजय प्राप्त करनी चाहिए.

इस प्रकार डॉ. कलाम के शिक्षक ने उनके जीवन में आत्मविश्वास, आत्मबल और स्वयं का मूल्य समझने की भावना उत्पन्न कर दी. परिणामस्वरूप वे एक सफल वैज्ञानिक और सफल राष्ट्रपति के रूप में स्थापित हुए.

इसी प्रकार प्रत्येक विद्यार्थी के जीवन पर शिक्षक का प्रत्यक्ष अप्रत्यक्ष रूप से प्रभाव पड़ता है इसलिए शिक्षकों को अपने कार्य, आचरण तथा व्यवहार द्वारा ऐसा प्रदर्शन करना चाहिए, ऐसी छाप छोड़नी चाहिए जिससे उनके विद्यार्थियों पर रचनात्मक और सकारात्मक प्रभाव पड़े और वे उनके शिक्षकों को सम्मान के साथ स्मरण करते रहें जैसे डॉ. कलाम उनके शिक्षक को याद करते थे.

मैं, शिक्षक दिवस के अवसर पर सभी शिक्षकों को नमन करता हुआ अपनी वाणी को विराम देता हूँ.

धन्यवाद