Wednesday 11 March 2015

(3.1.11) Gayatri Mantra for wisdom and intelligence in Hindi

Buddhi ke vikas hetu Gayatri Mantra बुद्धि विकास के लिए गायत्री मंत्र (हिन्दी में )                                                                                           

 गायत्री मंत्र बुद्धि को शुद्ध पवित्र और प्रखर बनाता है। इसके लिए साधक को चाहिए कि  वह स्नानादि कार्यों से निवृत्त होकर पूर्व की तरफ मुँह करके बैठे। अपनी आँखों को अधखुली रखे। सूरज की किरणों को अपने मष्तिष्क पर पड़ने दे । गायत्री मंत्र के पहले तीन बार ॐ जोड़ दे और श्रद्धा पूर्वक मंत्र का जप करें। जप कम से कम एक माला का तो होना ही चाहिए। अधिक कर सके तो तीन, पांच, सात मालाओं का जप किया जा सकता है। जप के बाद दोनों हाथों की हथेलियों को सूर्य की तरफ करे तथा भावना करे कि उनमे सूर्य की शक्ति प्रविष्ट हो रही है। गायत्री मंत्र का उच्चारण करते हुए हथेलियों को आपस में रगड़े और उनको अपने मस्तक, ललाट, नेत्रों, मुँह , गले, कान आदि गले के सभी भागों पर फेरे और भावना करे कि  आपके मस्तिष्क के तंतु खुल रहे हैं और आप सदबुद्धि  संपन्न होते जा रहे हैं और आपकी बुद्धि प्रखर होती जा रही है।

ॐ भूर्भुव: स्वः तत्सवितुर्वरेण्यं भर्गो देवस्य धीमहि धियो यो न: प्रचोदयात !!