Thursday 8 October 2015

(2.3.5) Einstein Ki Sadagi (in Hindi )

आइन्स्टाइन की सादगी 

नोबेल पुरस्कार विजेता महान वैज्ञानिक अल्बर्ट आइन्स्टाइन बहुत सादा जीवन बिताते थे। उनको दैनिक जीवन में दिखावा पसंद नहीं था। उनके पचासवें जन्म दिन के अवसर पर, उनके प्रशंसकों ने उनकों शुभ कामनायें भेजी।कुछ प्रशंसक व्यक्ति गत रूप से उन्हें बधाई देना चाहते थे। इस लिए वे उनके साथ गुलदस्ते लाए और उनके घर गये।उस समय आइन्स्टाइन अपनी प्रयोग शाला में कार्य कर रहे थे।उनकी पत्नी  उनके (प्रशंसको के) आने की सूचना देने के लिए प्रयोग शाला में गई। वे उनकी पत्नी के साथ बाहर  आये।उनकी पत्नी नहीं चाहती थी कि  उसके पति गंदे कपडों  में उनके प्रशंसकों  से मिले।वह झुंझलाते हुई बोली,"इन लोगों से मिलते समय आप कम से कम गन्दीऔर पुरानी  पतलून तो बदल लेते।"आइन्स्टाइन हँसे और विनोद करते हुए बोले " ये  लोग मुझ से मिलने आये हैं, मेरी पतलून से नहीं।"आइन्स्टाइन की पत्नी मौन हो गई।आइन्स्टाइन उन्ही गंदे और पुराने कपड़ों में लोगों से मिलकर उनकी शुभ कामनायें स्वीकारते रहे। ऐसी थी आइन्स्टाइन  की सादगी।