Friday 9 October 2015

(1.3.1) Karaavlokan Mantra (to keep away negative effects)

 करावलोकन मंत्र - सकारात्मक ऊर्जा निर्माण हेतु (Karavalokan - to create positive energy)

 प्रात: काल की शुरुआत आध्यात्मिक और सकारात्मक भावनाओं से होनी चाहिये। इसलिए जागने के उपरांत आप अपने हाथों की हथेलियों की तरफ देखें और निम्नांकित श्लोक का पाठ करें -
कराग्रे वसते लक्ष्मी:  कर मध्य सरस्वती।करमूले स्थितो ब्रह्मा प्रभाते करदर्शनम।।

अर्थ - हाथ के अग्र भाग में लक्ष्मी , हाथ के मध्य में सरस्वती और हाथ के मूल भाग में ब्रह्मा जी निवास करते हैं। अत: प्रात: काल दोनों हाथों का अवलोकन करना चाहिये।
इस श्लोक के पाठ के बाद , दोनों हथेलियों को एक साथ रगड़िये और फिर इन्हें धीरे - धीरे आप के सिर , कन्धों , भुजाओं और टांगों पर फिराइये। इससे एक उर्जा रुपी ढाल निर्मित होती है जो पूरे दिन व्यक्ति को नकारात्मक प्रभावों से बचाये रखती है।