Friday 9 October 2015

(1.3.2) Bhoomi Vandana

 Bhoomi Vandana (भूमि वन्दना )

करावलोकन के बाद निम्नानुसार भूमि वंदना करें :- 
 भूमि वंदना - करावलोकन के बाद शय्या से उठकर पृथ्वी पर पैर रखने से पूर्व पृथ्वी माता का अभिवादन करें और उन पर पैर रखने की विवशता के लिए उनसे क्षमा मांगते हुए निम्नांकित श्लोक का पाठ करें -

समुद्र वसने देवि पर्वतस्तन मण्डिते।
विष्णु पत्नि नमस्तुभ्यं पादस्पर्शं क्षमस्व मे।।

हिन्दी अर्थ :- समुद्र रूपी वस्त्रों को धारण करने वाली , पर्वत रूप स्तनों से मंडित भगवान विष्णु की पत्नी देवी पृथ्वी , आप मेरे पाद स्पर्श को क्षमा करें।
( पृथ्वी वन्दनाके बाद  निम्नांकित मंगल वस्तुओं में से सबके या कम से कम एक -दो  के दर्शन करें।) 

मंगल दर्शन - फिर गोरोचन , चन्दन , सुवर्ण ,शंख ,मृदंग ,दर्पण ,मणि आदि मांगलिक वस्तुओं का दर्शन करें तथा गुरु , अग्नि और सूर्य को नमस्कार करें।