वर्ष की श्रेष्ठ ऋतु कौन सी है ?
एक बार राजस्थान के किसी एक कस्बे में गोविन्द नारायण नामक सेठ (धनवान व्यापारी )रहता था। उसके एक पुत्र था। जब उसका पुत्र विवाह योग्य उम्र तक पहुंचा तो उस व्यापारी ने उसके विवाह के लिए गुण वान व सुन्दर लड़की की तलाश शुरू की।जब भी कोई व्यक्ति उस के पुत्र के विवाह का प्रस्ताव लाता तो व्यापारी प्रस्तावक की बेटी से एक प्रश्न पूछता - "वर्ष की सबसे श्रेष्ठ ऋतु कौन सी है?" प्रत्येक लड़की इस प्रश्न का भिन्न उत्तर देती और उसका कारण भी बताती।परन्तु सेठ को कोई भी उत्तर संतुष्ट नहीं कर सका।
एक दिन हरि प्रकाश नामक एक अन्य व्यापारी अपने परिवार के साथ कहीं जा रहा था।रात्रि हो जाने से उसने उस कस्बे में रात्रि गुजारना चाहा जहाँ सेठ गोविन्द नारायण रहता था। गोविन्द नारायण ने सेठ हरि प्रकाश को अपनी हवेली में रात्रि बिताने के लिए निवेदन किया।
गोविन्द नारायण ने हरि प्रकाश की अच्छी आव भगत की।सेठ हरि प्रकाश के भी एक पुत्री थी।वार्ता लाप के दौरान हरि प्रकाश ने अपनी पुत्री का विवाह सेठ गोविन्द नारायण के पुत्र के साथ करने की इच्छा प्रकट की।गोविन्द नारायण ने वही प्रश्न उसकी बेटी से भी पूछा -"वर्ष की श्रेष्ठ ऋतु कौन सी है?" लड़की ने उत्तर दिया -"यदि परिवार में शांति हो, परिवार के छोटे सदस्य परिवार के बड़े सदस्यों का सम्मान करते हों और उनकी आज्ञा पालन करते हों, और परिवार के बड़े सदस्य छोटों के प्रति स्नेह की भावना रखते हों,परिवार के सभी सदस्यों में आपसी सहयोग की भावना हो तो उस परिवार और उसके सदस्यों के लिए वर्ष की प्रत्येक ऋतु श्रेष्ट है क्योंकि ऐसे वातावरण में ही लक्ष्मी निवास करती है।"सेठ गोविन्द नारायण लड़की के उत्तर से प्रभावित हुआ और उसके पुत्र के साथ उस लड़की के विवाह के प्रस्ताव को स्वीकार कर लिया।